हल्द्वानी : डा. सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय के अल्ट्रासाउंड कक्ष पर ताला लटक चुका है। मरीज भटक रहे हैं। भर्ती मरीज भी आपरेशन से पहले निजी डायग्नोस्टिक सेंटरों में जांच को पहुंच रहे हैं। मरीजों से लेकर तीमारदारों में अफरा-तफरी मची हुई है। संविदा पर कार्यरत और केवल आधे दिन काम करने वाले प्रोफेसर का तीन साल का टर्म भी पूरा हो चुका है। पिछले कई वर्षों से इस तरह की गंभीर स्थिति पर पूरे तंत्र से मुंह फेर लिया है।
मेडिको लीगल केस के लिए असमंजस
दुर्घटना में घायल से लेकर तमाम तरह की इमरजेंसी के मरीज एसटीएच में ही पहुंचते हैं। मेडिको लीगल केस की जरूरत पड़ती है। इसके लिए अल्ट्रासाउंड से लेकर एक्सरे जांच की रिपोर्ट में डाक्टर के हस्ताक्षर होने चाहिए। 10 दिन हो गए हैं, लेकिन कोई सुधलेवा नहीं। जबकि अस्पताल में प्रतिदिन 30 से अधिक अल्ट्रासाउंड जांचें होती थी।
वापस लौट रहे मरीज और तीमारदार
दमुवाढूंगा के प्रकाश चंद्र ने बताया कि आइवीपी जांच होनी है। दो बार रेडियो डायग्नोसिस विभाग गया। बोल दिया गया कि जांच नहीं होती है। अब मेरा आपरेशन कब होगा? कुछ समझ नहीं आ रहा है। इंदिरानगर तव्वसुम जहां का कहना है कि अल्ट्रासाउंड जांच की सुविधा न होने से बहुत अधिक दिक्कत हो रही है। प्राइवेट में महंगी जांच कराने को मजबूर होना पड़ रहा है। भर्ती मरीज को बाहर लेना बहुत मुश्किल हो रहा है। उजाला नगर मेहतो का कहना है कि मेरे रिश्तेदार के पेट में दर्द हो रहा था। ओपीडी में डाक्टर को दिखाया। उन्होंने अल्ट्रासाउंड लिख दिया था। जब जांच को गए तो वहां ताला लटका मिला।
रेडियोलाजिस्ट के लिए निकाली गई वैकेंसी
राजकीय मेडिकल कालेज हल्द्वानी के प्राचार्य प्रो. अरुण जोशी ने बताया किरेडियोलाजिस्ट न होने की वजह से अल्ट्रासाउंड कक्ष को बंद कर दिया गया। रेडियालाजिस्ट की तैनाती के लिए विज्ञप्ति जारी की गई है। शासन को भी समस्या से अवगत करा दिया गया है। जल्द ही समस्या का समाधान निकालने के लिए प्रयासरत हैं।