मुनस्यारी-चोपता के जंगलों में खिले सात रंग के बुरांश,पर्यटकों के बीच बने आकर्षण का केंद्र

उत्तराखंड पिथौरागढ़

पिथौरागढ़ जिले के मुनस्यारी और रुद्रप्रयाग के चोपता के जंगलों में खिले सात रंग के बुरांश के फूल यहां की प्राकृतिक सुंदरता में चार चांद लगा रहे हैं। आमतौर पर पर्वतीय राज्यों में यह केवल लाल रंग में ही मिलता है, लेकिन 7 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित मुनस्यारी में सात रंग के बुरांश खिलते हैं। वहीं केदारनाथ वन प्रभाग के तहत आने वाले भुलकुंड, चोपता और मोहन खाल के जंगलों की सैर कीजिये।

यहां सिर्फ लाल रंग के नहीं, सुर्ख गुलाबी, हल्की गुलाबी, पीले, सफेद समेत सात अलग-अलग रंग के बुरांश दिख जाएंगे।दूरदराज से आये प्रकृति, पर्यटन और पुष्प प्रेमी प्रकृति के इन नजारों को देखने आ रहे हैं।  मुनस्यारी के खलिया, मर्तोली, बलाती, हरकोट के जंगलों में इन दिनों बुरांश के सात रंग के फूल खिले हैं। इन्हें देखने दूर-दूर से पर्यटक पहुंच रहे हैं। 

औषधीय गुणों से भरपूर हैं बुरांश के फूल
हिमालयी क्षेत्रों में 1500 से 3600 मीटर की ऊंचाई पर मिलने वाला यह सदाबहार वृक्ष है। इसके फूल औषधीय गुणों से भरपूर माने जाते हैं। बुरांश के फूलों का इस्तेमाल औषधियों में भी किया जाता है। बुरांश के फूल की पंखुड़ियों को लिवर, किडनी रोग, खूनी दस्त आदि बीमारियों के इलाज में इस्तेमाल किया जाता है। हृदय रोगियों के लिए भी फायदेमंद माना जाता है।

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