हल्द्वानी: उत्तराखंड के जंगलों में आग की घटनाएं लगातार बढ़ रही है। फायर सीजन का पहला एक महीना ज्यादा चिंतित करने वाला नहीं था। लेकिन पिछले 12 दिनों से आग की घटनाएं लगातार बढ़ रही है। वन विभाग की वेबसाइट के मुताबिक 15 फरवरी से 17 मार्च के बीच अलग-अलग डिवीजनों में आग की कुल 33 घटनाएं हुई थी। जिसमें 36.65 हेक्टेयर जंगल जला। लेकिन 18 मार्च के बाद मामले तेजी से बढ़े। आग की कुल घटनाएं 115 पहुंच गई। जिनसे 147 हेक्टेयर जंगल प्रभावित हुआ।
वन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक आरक्षित वन इस बार भी वन पंचायतों के जंगल के मुकाबले ज्यादा जले हैं। रिजर्व फारेस्ट में अब तक आग की 78 घटनाएं हुई है। इस दौरान 93.07 हेक्टेयर जला। जबकि वन पंचायत के जंगल में 37 बार आग लगी। जिसमें 54.2 हेक्टेयर जंगल प्रभावित हुआ। मौसम विभाग ने अगले दो दिन जंगलों की आग को लेकर यलो अलर्ट जारी किया है। क्योंकि, पारे में बढ़ोतरी होने की पूरी संभावना है। इस स्थिति में वन विभाग के लिए चुनौती और बढ़ेगी। खासकर पहाड़ के जंगलों में। क्योंकि, यहां आग लगने पर नियंत्रण पाना बेहद मुश्किल हो जाता है।
तीन लाख 71 हजार का पर्यावरणीय नुकसान
जंगल में आग लगने के दौरान ग्रासलैंड से लेकर पेड़ तक चपेट में आते हैं। वन विभाग इनके जलने को पर्यावरणीय क्षति मानता है। फिलहाल तीन लाख 71 हजार रुपये की पर्यावरणीय क्षति हो चुकी है। बता दें कि गर्मी बढ़ने के साथ ही उत्तराखंड के जंगलों में आग लगने की घटनाएं भी बढ़ जाती हैं।