चमोली : केदारनाथ वन प्रभाग के संरक्षित वन क्षेत्र में समुद्रतल से 11808 फीट की ऊंचाई पर स्थित चतुर्थ केदार रूद्रनाथ मंदिर के दरवाजे तोड़े जाने के मामले में अब तक कोई कार्रवाई न होने से जनता में रोष है।
सोमवार को उक्त मामले को लेकर कार्रवाई में हीलाहवाली पर जनता का गुस्सा फूट पड़ा। विरोध में बाजार बंद रखा गया। इस दौरान महापंचायत के बाद जनता जुलूस निकालकर जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचीं और जल्द कार्रवाई की मांग की।
मंदिर के साथ ही पुजारी आवास व धर्मशाला के भी तोड़े गए दरवाजे
नौ अप्रैल को रुद्रनाथ मंदिर सहित पुजारी आवास व धर्मशाला के दरवाजे तोड़ने का मामला प्रकाश में आया था। हालांकि, वहां दरवाजों पर लगाए गए ताले सुरक्षित बताए गए थे। वन विभाग ने घटना की जानकारी जिला प्रशासन व पुलिस के साथ ही मंदिर के पुजारी व मंदिर समिति को भी दे दी थी। रुद्रनाथ धाम के कपाट आगामी 19 मई को खोले जाने हैं।
बताया गया कि बीते सात अप्रैल को केदारनाथ वन प्रभाग का गश्ती दल रुद्रनाथ क्षेत्र में गश्त पर था। इसी दौरान दल को रुद्रनाथ मंदिर के दरवाजे क्षतिग्रस्त मिले। दल ने अंदर जाकर देखा तो मंदिर के गर्भगृह के सामने लगा लोहे के शटर भी क्षतिग्रस्त था। मंदिर के पास ही पुजारी आवास और धर्मशाला के दरवाजे भी टूटे थे। दल ने वापस लौटकर घटना की जानकारी विभागीय उच्चाधिकारियों को दी थी।
इस पर शनिवार को प्रभागीय वनाधिकारी इंद्र सिंह नेगी ने घटना की जानकारी जिला प्रशासन, पुलिस, मंदिर के पुजारी व मंदिर समिति को दी थी। कपाटबंदी के दौरान मंदिर, पुजारी आवास व धर्मशाला के दरवाजे तोड़ जाने से पुजारी व हक-हकूकधारियों में आक्रोश है।