छह हजार दो, ऋषिकेश-विकासनगर से ड्राइविंग लाइसेंस बनवा देंगे!

उत्तराखंड देहरादून

आरटीओ ऑफिस के बाहर दलाली का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वारयल हो रहा है। इसमें दलाल ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) बनाने के लिए छह हजार रुपये तक की डिमांड कर रहे हैं। दलाल ऋषिकेश और विकासनगर से हाथों-हाथ डीएल बनाने का दावा कर रहे हैं। इसमें एक प्रदूषण जांच करने वाला वैन संचालक भी है, जो डीएल बनाने के लिए ज्यादा रकम बता रहा है।

यह वीडियो आरटीओ अफसरों तक पहुंच गया है। आरटीओ ने इसमें जांच बैठा दी है। इस वीडियो में कई दलाल दिखाई दे रहे हैं, जो 1700 से छह हजार रुपये की डिमांड कर डीएल बनवाने का दावा कर रहे हैं। इस रकम में डीएल की फीस और आरटीओ कर्मचारियों के खर्चे का जिक्र कर रहे हैं। देहरादून में ड्राइविंग टेस्ट से बचने के लिए दलाल ऋषिकेश और विकासनगर एआरटीओ से डीएल बनवाने का झांसा दे रहे हैं। बता दें कि डीएल की सरकारी फीस अलग-अलग कैटेगिरी में 1100 रुपये तक हैं।

विजिलेंस की सूचना से मचा हड़कंप 
देहरादून। कहते हैं चोर को अपनी चोरी पकड़ने का डर हमेशा रहता है। वीडियो वायरल होने के बाद आरटीओ दफ्तर के बाहर के दलाल भी दशहत में हैं। मंगलवार को दोपहर बाद आरटीओ दफ्तर के बाहर दलालों में हड़कंप मच गया। हुआ यूं कि विजिलेंस का कोई कर्मचारी आरटीओ में काम के लिए आया था, जिस गाड़ी से कर्मचारी आया था, उसमें विजिलेंस लिखा हुआ था, लेकिन गाड़ी को देखकर दलालों के पैरों तले जमीन खिसक गई, उनको लगा विजिलेंस का छापा पड़ गया। इसके बाद दलालों ने दिनभर काम नहीं किया।

बाबू की कुर्सी पर मिला था दलाल 
करीब एक साल पहले आरटीओ दफ्तर में एक बाबू की कुर्सी पर दलाल बैठा मिला था। दलाल को विजिलेंस की टीम ने पकड़ा था। इस मामले में बाबू को सस्पेंड किया गया था। इसके बाद दलाल ज्यादा सतर्क हैं। वह आरटीओ दफ्तर में एंट्री तो करते हैं, लेकिन सतर्क होकर करवाते हैं।

विजिलेंस की टीम के आने की मुझे सूचना नहीं हैं। वायरल वीडियो संज्ञान में आया है। इसमें एक प्रदूषण प्रमाण पत्र जारी करने वाला वैन संचालक भी है। इसकी जांच करवाई जा रही है। वैन संचालक की ओर से ज्यादा पैसा लेने की पुष्टि होती है तो लाइसेंस रद किया जाएगा। बाकी एजेंट हमारे नियंत्रण में नहीं है। सभी दफ्तर से बाहर रहते हैं, उनके खिलाफ हम कार्रवाई नहीं कर सकते हैं, उनको हटाने के लिए पुलिस की मदद मांगी जाएगी। लोगों से अपील है वह काम के लिए सीधे दफ्तर में आएं। दफ्तर में हेल्प डेस्क भी बनी हुई है।
दिनेश पठोई, आरटीओ (प्रशासन), देहरादून   

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