जब कभी भी मां और बेटी का जिक्र होता है तो ममता और भावनात्मक रिश्तों की बात जुबां पर आ जाती है। सच भी है, मां ही बेटी की पहली पाठशाला होती है। जो संस्कार, व्यक्तित्व और जीने के ढंग का पाठ बचपन में ही पढ़ाती है। इन सबके के बावजूद यदि एक मां अपनी बेटी को तीन दिन तक भूखा-प्यासा रखकर एक कमरे में बंद कर दे तो दोनों पर क्या बीतेगी। कपकोट में एक ऐसा ही मामला सामने आया है।
बेटी को पुलिस ने अब सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया है। ग्रामीणों को जब पता चला कि कपकोट में एक महिला ने अपनी 17 वर्षीय बेटी को तीन दिन से भूखा-प्यासा रखकर कमरे में बंद कर दिया है तो उन्होंने इसकी सूचना बाल कल्याण समिति को दी। समिति ने कपकोट थाने को सूचित किया।
कपकोट के थानाध्यक्ष प्रताप सिंह नगरकोटी ने बताया कि सामाजिक कार्यकर्ता गिरीश जोशी और अन्य लोगों के सहयोग से किशोरी को कपकोट के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है। थानाध्यक्ष के अनुसार किशोरी की मां पहले से ही मानसिक रूप से अस्वस्थ है।
अस्पताल में कराया गया था भर्ती