उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने आशंका जाहिर की है कि प्रदेश सरकार कुमाऊं मंडल विकास निगम (केएमवीएन) से यात्राओं का संचालन प्राइवेट लोगों को सौंपना चाहती है। उन्होंने इस संबंध में फेसबुक पर एक पोस्ट डालकर चिंता प्रकट की, कि इसका सीधा से अर्थ है कि केएमवीएन को बंद करना है।
उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से यात्रा निजी हाथों में सौंपने के फैसले पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया है। पोस्ट में हरीश रावत लिखा है, बहुत चिंताजनक समाचार पढ़ने को मिला। राज्य सरकार, ओम पर्वत, कैलाश और उस क्षेत्र की यात्राओं को प्राइवेट लोगों को सौंपने जा रही है। कुमाऊं मंडल विकास निगम से उसका संचालन लेकर उसे प्राइवेट लोगों को दिया जाएगा।
इसका सीधा अर्थ है कि कुमाऊं मंडल विकास निगम को बंद करना। पहले कुमाऊं मंडल विकास निगम कैलाश मानसरोवर की यात्रा संचालन करता था। ‘था’ शब्द इसलिए इस्तेमाल कर रहा हूं, क्योंकि मुझे लगता है कि सरकार का इरादा पिथौरागढ़ से होकर जाने वाली कैलाश मानसरोवर यात्रा को संचालित करने का नहीं है। तो फिर कुमाऊं मंडल विकास निगम के पास रह ही क्या जाएगा?
पुनर्विचार करने का अनुरोध
एक दो और ट्रैकिंग रूट्स हैं, उनको भी कुमाऊं मंडल विकास निगम से लेकर के प्राइवेट हाथों को दे दीजिए और जिस समय इन संगठनों को और काम देने की आवश्यकता है। लिखा कि जिस काम को वो वर्षों से कर रहे हैं उस काम को छीनने का कोई औचित्य नहीं है! मुख्यमंत्री जी को चाहिए कि इस पर पुनर्विचार करें।