हल्द्वानी : टूरिस्ट सीजन में रोडवेज को बड़ी राहत मिली है। खासकर परिचालकों को अब ई-टिकट मशीन की कमी के कारण मजबूरी में मैन्युल टिकट नहीं काटने पड़ेंगे। मुख्यालय ने कुमाऊं के दो रोडवेज रीजन को 655 मशीनें उपलब्ध करा दी हैं। बड़ा रीजन होने के कारण नैनीताल को 455 और टनकपुर रीजन के लिए 210 ई-टिकट मशीनें पहुंच चुकी है। निगम के तीन डिपो में आवंटन भी कर दिया गया।
ई टिकट मशीन मिलने से यात्री व परिचालकों को खासी राहत मिलने वाली है। चलते वाहन में टिकट बनाने एक चुनौती भरा काम होता है। ऊपर से बाद में उनका कलेक्शन में काफी सिर खपाना पड़ता है। अब यह काम मशीन के माध्यम से पल भर में हो जाएगी। साथ ही गलती की आशंका नगण्य हो जाएगी। इसके अलावा समय की बचत होगी सो अलग।
मशीनों की कमी के कारण अक्सर रोडवेज बसों का संचालन प्रभावित हो जाता है। मैन्युल टिकट बनाने में ज्यादा समय लगने के कारण कई बार परिचालक रूट पर जाने से मना कर देते थे। वहीं, पुरानी मशीनों की बार-बार मरम्मत कराने से अफसर भी परेशान थे। इन्हें मरम्मत के लिए देहरादून भेजना पड़ता था। जहां से मशीनों के बनकर आने में 10-10 दिन लग जाते थे। इसके बाद सभी डिपो के एआरएम ने मुख्यालय को नई मशीनों की डिमांड भेजी।
फिलहाल कुमाऊं के अलग-अलग डिपो के लिए 655 मशीनें पहुंच चुकी हैं। एआरएम हल्द्वानी डिपो सुरेंद्र सिंह बिष्ट ने बताया कि परिचालकों को इनके चलाने का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। क्योंकि, यह पहले के मुकाबले ज्यादा अपडेट है।
कैशलेस यात्रा भी
नई ई-टिकट मशीनों में कार्ड स्वैप करने व स्कैनिंग के माध्यम से आनलाइन पेमेंट करने की सुविधा भी होगी। इससे कैशलेस व्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा। टिकट के पैसे सीधे रोडवेज के खाते में जाएंगे। हालांकि, इस व्यवस्था को दूसरे चरण में लागू किया जाएगा। इससे पूर्व परिचालकों को इसकी ट्रेनिंग दी जाएगी।
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