रुद्रप्रयाग : पंचकेदार में शामिल चमोली जिले में स्थित चतुर्थ केदार भगवान रुद्रनाथ धाम (11808 फीट) के कपाट ब्रह्ममुहूर्त में सुबह पांच बजे खोल दिए गए। बाबा की चल विग्रह उत्सव डोली भी बुधवार शाम रुद्रनाथ पहुंच गई थी। जिसके बाद विशेष पूजा अर्चना कर गुरुवार को धाम के कपाट आज श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए।
रुद्रनाथ धाम में भगवान शिव के मुखारबिंद के होते हैं दर्शन
उधर, भगवान चतुर्थ केदार की चल विग्रह उत्सव डोली अपनी अंतिम पड़ाव ल्वींठी से शाम को रुद्रनाथ धाम पहुंच गई थी। रुद्रनाथ धाम में भगवान शिव के मुखारबिंद के दर्शन होते हैं।
रुद्रनाथ पहुंचने के लिए पैदल तय करनी पड़ती है 20 किमी की चढ़ाई
रुद्रनाथ पहुंचने के लिए जिला मुख्यालय गोपेश्वर के पास सगर व गंगोल गांव तक सड़क मार्ग है। इसके बाद जंगल और मखमली बुग्यालों को पार कर 20 किमी की चढ़ाई पैदल तय करनी पड़ती है।
कर्क लग्न में खोले जाएंगे द्वितीय केदार भगवान मध्यमेश्वर धाम के कपाट
वहीं द्वितीय केदार भगवान मध्यमेश्वर धाम (11470 फीट) के कपाट आज सुबह कर्क लग्न में सुबह 11 बजे खोले जाएंगे। इससे पूर्व, बाबा की चल विग्रह उत्सव डोली सुबह द्वितीय पड़ाव गौंडार से मध्यमेश्वर धाम पहुंचेगी।
मध्यमेश्वर धाम के कपाट खोलने की सभी तैयारियां पूरी हो चुकीं
बुधवार को रांसी स्थित राकेश्वरी मंदिर में मध्यमेश्वर धाम के प्रधान पुजारी शिव शंकर लिंग ने सुबह 7:30 बजे पूजा-अर्चना के बाद बाबा को भोग लगाया। इसके बाद बाबा की उत्सव डोली ने राकेश्वरी मंदिर की तीन बार परिक्रमा की और फिर रात्रि प्रवास के लिए अगले पड़ाव गौंडार गांव के लिए रवाना हुई।
श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के प्रशासनिक अधिकारी युद्धवीर पुष्पवाण ने बताया कि आज गुरुवार की सुबह डोली बनातोली, खटारा, नानौ, मैखंभा कूनचट्टी होते हुए मध्यमेश्वर धाम पहुंचेगी और फिर मंदिर के कपाट खोल दिए जाएंगे। इसके लिए सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं।