यमुनोत्री हाईवे पर तीन दिनों तक बड़े वाहनों की आवाजाही बंद रहेगी। बीते बुधवार को रानाचट्टी के पास हाईवे की सुरक्षा दीवार धंस गई थी। किसी तरह इसे आवाजाही लायक बनाया गया, लेकिन हाईवे के फिर धंसने से बड़े वाहनों की आवाजाही पूरी तरह बंद हो गई है।
शनिवार को यहां 2500 से अधिक श्रद्धालुओं के फंसे होने की सूचना है। लगभग 200 छोटे-बड़े वाहन जानकीचट्टी में फंसे हैं। यमुनोत्री धाम के प्रमुख पड़ाव जानकीचट्टी में फंसे यात्रियों ने पुलिस प्रशासन और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए कहा कि हमें पूछा नहीं जा रहा है न ही हमें यहां से अन्य जगह के लिए निकाला जा रहा है।
तीर्थयात्रियों के आक्रोशित होने की सूचना मिलने पर यमुनोत्री विधायक संजय डोभाल स्याना चट्टी रानाचटटी के बीच बंद वाले स्थान पर पहुंचे और अधिकारियों को जल्द हाईवे सुचारू करने के निर्देश दिए। साथ ही श्रद्धालुओं को थोड़ा इंतजार करने की अपील की है।
यमुनोत्री धाम से करीब 18 किमी पहले स्यानाचट्टी और रानाचट्टी के बीच यमुनोत्री हाईवे की दीवार धंस गई थी। इससे हाईवे का करीब 15 मीटर हिस्सा धंस गया था। शुक्रवार सुबह इस हिस्से में बस ने निकलने का प्रयास किया, लेकिन सफलता नहीं मिली। इसके बाद प्रशासन ने अगले तीन दिनों के लिए बड़े वाहनों की आवाजाही रोक दी है। शनिवार सुबह से प्रशासन जानकीचट्टी में फंसे वाहनों को निकालने में जुटा है।
प्रशासन ने अगले तीन दिनों के लिए बड़े वाहनों की आवाजाही रोक दी है। एसडीएम शालिनी नेगी ने बताया कि भूधंसाव के चलते हाईवे संकरा हो गया है और बड़े वाहनों का ऊपरी हिस्सा चट्टान में लगने से आवाजाही संभव नहीं है।
इस कारण बड़े वाहनों पर तीन दिन की रोक लगाई गई है। इस दौरान चौबीसों घंटे एनएच की टीम हाईवे की मरम्मत करेगी। चट्टान की कटिंग के साथ सुरक्षा दीवार की जगह वायरक्रेट डालकर दीवार बनाने का काम किया जाएगा। बताया कि इस हिस्से में छोटे वाहनों को ही आवाजाही की अनुमति दी गई है।
एसडीएम बड़कोट शालिनी नेगी ने बताया कि जानकीचट्टी में फंसे बड़े वाहनों को निकालने का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए एनएच चट्टान कटिंग का काम कर रहा है। प्रयास किया जाएगा कि धाम की ओर फंसे सभी बड़े वाहनों को निकाल लिया जाए।
यात्रियों को रहने व खाने की असुविधा न हो, इसके लिए प्रशासन ने शुक्रवार को सभी यात्री वाहनों को बड़कोट, खरादी, कुथनौर, गंगनानी, स्यानाचट्टी आदि स्थानों पर रोक दिया। हाईवे पर फंसे यात्रियों की मदद के लिए प्रशासन के साथ ही संस्थाएं भी आगे आई हैं।
डामटा से लेकर स्यानाचट्टी तक राजस्व व जिला पूर्ति विभाग ने यात्रियों को भोजन कराया। साथ ही बिस्कुट व पानी भी दिया। कई स्थानों पर एसडीएम भी यात्रियों को पानी बांटती नजर आईं।
दूसरी ओर हाईवे बंद होने के चलते दिक्कतों के कारण तीर्थयात्रियों में आक्रोश है। उन्होंने सड़क किनारे बैठकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
Excellent write-up