देहरादून। अब वन विभाग बस्तियों के आसपास गुलदार, बाघ, भालू आदि वन्यजीवों को पकड़ने के लिए लगाए जाने वाले पिंजरों की 24 घंटे निगरानी करेगा। इसके लिए जहां कर्मचारियों की तैनाती होगी, वहीं सीसीटीवी और कैमरा ट्रैप भी लगाए जाएंगे।
पौड़ी में पिंजरे में फंसने के बाद एक गुलदार को गुस्साए ग्रामीणों ने जिंदा जला दिया था। इसके बाद वन्यजीवों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हो गए। इसके लिए जितना ग्रामीणों को जिम्मेदार माना गया उतना ही वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों को। क्योंकि, पिंजरे में आने के बाद वह एक तरह से विभाग की कस्टडी में था। ऐसे में उसकी सुरक्षा में जो चूक हुई वो अधिकारियों और कर्मचारियों की भी जिम्मेदारी थी। ऐसे में अब वन विभाग पिंजरे में वन्यजीवों की सुरक्षा को लेकर नया कदम उठाने जा रहा है। चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन की ओर निर्देश जारी किए गए हैं कि जिस भी डिवीजन में पिंजरा लगाया जाएगा, वह उसमें फंसने पर वन्यजीवों की पूरी सुरक्षा करेगा। साथ ही वहां पिंजरा लगाने के बाद 24 घंटे कर्मचारी तैनात रहेंगे। सीसीटीवी और कैमरा ट्रैप भी लगाए जाएंगे। ताकि, पिंजरे में फंसते ही वन्यजीव को तुरंत रेस्क्यू कर वहां से निकाला जा सके। इसके बिना चीफ वाडल्ड लाइफ वार्डन की ओर से पिंजरा लगाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
पिंजरे में फंसे वन्यजीवों की सुरक्षा का पूरा जिम्मा संबंधित डिवीजन के अधिकारियों का होगा। पिंजरों की 24 घंटे निगरानी के लिए कर्मचारी, सीसीटीवी या कैमरा ट्रैप लगाने होंगे। अगर सुरक्षा में चूक हुई तो संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों की भी जिम्मेदारी तय की जाएगी। सुरक्षा के पूरे इंतजाम के बिना पिंजरा लगाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
– डॉ. पराग मधुकर धकाते, चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन