एक इंजीनियर ने युवती से शादी के लिए पहले इस्लाम छोड़ा, फिर हिन्दू तौर-तरीकों से दो बार शादी की। बाद में साथ रहने के लिए खुद के साथ इस्लाम धर्म कबूलने को मजबूर कर दिया। युवती ने इस्लाम कबूला तो आरोपी ने निकाह किया। इसके बाद चार बच्चे होने पर आरोपी ने पीड़िता को छोड़ दूसरी शादी कर ली और अब अबुधाबी में उसके साथ रह रहा।
इधर, पीड़िता की तहरीर पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। इंस्पेक्टर डालनवाला नंदकिशोर भट्ट के अनुसार, डालनवाला क्षेत्र की एक युवती ने एक महिला के जरिए तहरीर दी। उसने बताया कि 2004 में उसने सुभाषनगर के एक संस्थान से एमसीए किया। तब वह किडनी रोग से परेशान थी।
उसके साथ पढ़ाई कर रहे अरशद अली धोट मूल निवासी संगरूर पंजाब ने मदद की। इसके बाद दोनों में दोस्ती हो गई। उसने जून 2006 में निरंजनपुर मंडी स्थित आर्य समाज मंदिर में हिन्दू धर्म अपनाया। अपना नाम हर्ष चौधरी रख लिया। दोनों ने 2008 में शांतिकुंज हरिद्वार में विवाह किया।
पीड़िता को उसकी मंशा पर संदेह हुआ तो उसने विश्वास दिलाने के लिए फिर 2009 में वृंदावन जाकर हिन्दू रीति रिवाज से विवाह किया। फिर आरोपी हैदराबाद में नौकरी करने लगा। इस बीच, पीड़िता गर्भवती हुई तो आरोपी ने दो बार गर्भपात करा दिया। पीड़िता को साथ रखने के लिए इस्लाम कबूल करवाकर मुस्लिम रिवाज से निकाह कर लिया।
आरोपी के भाई पर भी यौन शोषण का आरोप
पीड़िता के अनुसार, बीते कई साल से आरोपी अबूधाबी में नौकरी कर रहा है। 2020 में पीड़िता को पता लगा कि आरोपी ने अबूधाबी में दूसरी पत्नी भी रख ली है, जो पंजाब की है। दोनों के बीच विवाद बढ़ा तो पीड़िता को आरोपी के माता-पिता ने पंजाब बुला लिया। आरोप है कि वहां 2021 में अरशद अली के भाई दिलशाद अली ने उसका यौन शोषण किया। उसके दूसरे भाई यासीन और सास-ससुर ने भी झगड़ा किया। इसके बाद उसे घर से निकाल दिया। पीड़िता अगस्त 2021 से अपने बच्चों के साथ देहरादून में रह रही है।
धार्मिक स्वतंत्रता
ऐक्ट में हुई कार्रवाई इस पूरे प्रकरण में इंस्पेक्टर डालनवाला नंद किशोर भट्ट ने बताया कि पीड़िता की तहरीर के आधार पर आरोपी व्यक्ति पर उत्तराखंड धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। इस प्रकरण में पीड़िता से पूछताछ की जा रही है। साथ ही, आरोपी की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं।