देहरादून: चारधाम यात्रा में हेली सेवाओं को तय रोस्टर के अनुसार ही नियंत्रित करने की तैयारी है। इसके तहत घाटी में एक समय में केवल छह हेलीकाप्टर ही हवा में रहेंगे। इस पर नजर रखने के लिए नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण साफ्टवेयर तैयार कर रहा है।
केदारनाथ यात्रा के दौरान हेली सेवाओं का संचालन किया जाता है। हेली सेवा संचालन करने वाली कंपनियों पर समय-समय में नियमों का उल्लंघन करने के आरोप लगते रहे हैं। कभी तय सीमा से नीचे उड़ान पर पर्यावरण संबंधी मानकों के उल्लंघन तो कभी निर्धारित से अधिक संख्या में हेलीकाप्टर संचालन करने के आरोप लगते हैं ।
इस वर्ष केदारनाथ यात्रा में नौ हेली कंपनियां अपने हेलीकाप्टर संचालित कर रही हैं। ये हेलीकाप्टर सिरसी, फाटा, सोनप्रयाग व गुप्तकाशी से उड़ान भर रहे हैं। केदारघाटी का रास्ता संकरा है। इस कारण यहां निश्चित समय अंतराल में हवा में रहने वाले हेलीकाप्टर की संख्या तय करते हुए रोस्टर जारी किया गया है। अब इसका अनुपालन सुनिश्चित करने की तैयारी चल रही है। दरअसल, अभी केदारघाटी में कई बार तय संख्या से अधिक हेलीकाप्टर संचालित हो रहे हैं। इसकी शिकायत उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण(यूकाडा) के पास भी आई है। ऐसे में केवल आंखों से देखकर ही इनकी संख्या का सही आंकलन नहीं हो सकता। केदारनाथ हेलीपैड पर यात्रियों को उतारने के बाद हेलीकाप्टर वापस उड़ जाते हैं। ऐसे में यह तय करना मुश्किल होता है कि घाटी में एक समय में कितने हेलीकाप्टर उड़ान भर रहे हैं। इन पर नजर रखने के लिए यूकाडा अब एक साफ्टवेयर तैयार कर रहा है। जुलाई तक इस साफ्टवेयर के पूरा होने की उम्मीद है।
इसके साथ ही यूकाडा अब नागर विमानन महानिदेशालय के निर्देशों के क्रम में केदारनाथ के वीवीआइपी हेलीपैड और सामान्य हेलीपैड में उतरने वाले हेलीकाप्टर का आंकड़ा भी तैयार कर रहा है। मकसद हेली सेवाओं को व्यवस्थित करना है।
सचिव नागरिक उड्डयन दिलीप जावलकर ने कहा कि उड़ानों की संख्या सुनिश्चित करने के लिए साफ्टवेयर बनाने का कार्य चल रहा है। जल्द यह कार्य पूरा हो जाएगा। उन्होंने कहा कि सामान्य व वीवीआइपी हेलीपैड पर उतरने वाली उड़ानों के संबंध में डीजीसीए को लगातार सूचना दी जा रही है।