हल्द्वानी : शहर से निकलता बेतहाशा कूड़ा मुसीबत का सबब बन रहा है। लाखों टन कूड़े के भार ने गौला रोखड़ स्थित ट्रंचिंग ग्राउंड की दीवार को ध्वस्त कर दिया है। सीमेंट व सरिया से बने पिलर भी लटक गए हैं। इससे कार्य की गुणवत्ता के साथ नगर निगम प्रशासन की लापरवाही भी उजागर हुई है।
ट्रंचिंग ग्राउंड चार हेक्टेयर क्षेत्रफल में फैला हुआ है। केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने मार्च 2018 में इस जमीन को 30 वर्षों की लीज पर नगर निगम को दिया था। यहां सालिड वेस्ट मैनेजमेंट कंपोस्ट प्लांट बनाया जाना है। जमीन मिलने के साथ ही जमीन पर कूड़ा डंप होने लगा। हल्द्वानी के अलावा भीमताल, नैनीताल, भवाली, लालकुआं से कूड़ा आने लगा।
हल्द्वानी से ही रोजाना 130 मीट्रिक टन कूड़ा निकलता है। चार साल में करीब दो लाख मीट्रिक टन कूड़े का पहाड़ जमा हो गया है। निगम ने 1.50 करोड़ की लागत से प्रोजेक्ट के सिविल वर्क के तहत बाउंड्रीवाल, गार्ड रूम, आफिस, शेड हाउस, प्लांट के भीतर संपर्क मार्ग का काम कराया। कूड़े के पहाड़ से गौला बाइपास के छोर की तरफ बाउंड्रीवाल का 20 मीटर से अधिक हिस्सा ध्वस्त हो गया है।
नगर आयुक्त हल्द्वानी पंकज उपाध्याय ने बताया कि कंपोस्ट प्लांट व पुराने डंप कूड़े के लिए अलग-अलग टेंडर के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। अनुमति मिलते ही टेंडर प्रक्रिया शुरू की जाएगी। कूड़ा खोली होता है तो बाउंड्रीवाल की मरम्मत कराई जाएगी।
शुरुआती तेजी के बाद लटक गया प्रोजेक्ट
मार्च 2018 में जमीन मिलने के बाद सितंबर 2018 में प्रोजेक्ट को वित्तीय एवं प्रशासनिक स्वीकृति मिली। दिसंबर, 2018 में शासन ने प्रोजेक्ट के अनुरोध प्रस्ताव को मंजूरी दी। तय हुआ कि प्लांट को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप में चलाया जाएगा। फरवरी 2019 में मामूली संशोधन के बाद विस्तृत परियोजना आख्या को टेक्नीकल एडवाइजरी कमेटी की मंजूरी मिल गई। फरवरी 2019 में सिविल वर्क के टेंडर की अनुमति मिली। 2020 में सिविल वर्क पूरा हो गया। कंपोस्ट प्लांट के चार बार टेंडर आमंत्रित करने के बाद कोई फर्म नहीं मिल पाई है।
मलबे में तब्दील हुआ कचरा
ट्रंचिंग ग्राउंड में लगातार आग लगने से कचरा अब मलबे में तब्दील होता जा रहा है। कचरे के बजाय अब यह मलवे का पहाड़ लग रहा है। यहां तक की बाउंड्रीवाल के ऊपर लगे टिन भी कई जगह आग की लपटों से गल गए हैं। बुधवार को भी ट्रंचिंग ग्राउंड से धुआं उठता रहा। धुएं से आसपास की आबादी को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।