देहरादून : पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस की चुनाव अभियान समिति के मुखिया रहे हरीश रावत मंगलवार को ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण के भराड़ीसैंण स्थित विधानसभा भवन पहुंच रहे हैं। नहीं-नहीं, रावत विधानसभा के बजट सत्र में हिस्सा लेने गैरसैंण नहीं जा रहे हैं। एक तो वह विधायक नहीं हैं और फिर सत्र भी गैरसैंण नहीं, देहरादून में आयोजित हो रहा है।
इन दिनों उत्तराखंड में चार धाम यात्रा में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है, पुलिस व्यवस्था बनाने में व्यस्त है। इसलिए सरकार ने पहले गैरसैंण में सत्र का कार्यक्रम तय करने के बाद फिर इसे देहरादून में ही करने का निर्णय लिया। कांग्रेस ने इसे मुददा बनाया और रावत ने निश्चय कर लिया कि सरकार और विधायक गैरसैंण न जाएं, लेकिन वह स्वयं सत्र शुरू होने वाले दिन गैरसैंण पहुंचकर विधानसभा भवन के बाहर धरना देंगे। आखिर रावत यूं ही नहीं प्रदेश कांग्रेस को अपने कंधों पर ढो रहे हैं।
सदन में होगी दिग्गजों के कौशल की परीक्षा
पांचवीं विधानसभा के पहले बजट सत्र में सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्ष कांग्रेस के दिग्गजों के कौशल की असली परीक्षा होगी। यूं तो इस विधानसभा का एक सत्र पहले हो चुका है, लेकिन तब इसकी अवधि अत्यंत संक्षिप्त, महज दो दिन रही। नेता सदन के रूप में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी हों या फिर नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, बजट सत्र में दोनों अपने दलों का नेतृत्व करते हुए मोर्चा संभालेंगे। आर्य का नई भूमिका में यह पहला सत्र होगा।
विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण को भी पहली बार लंबे समय तक सदन की कार्यवाही के संचालन का अवसर मिलेगा। कांग्रेस ने सत्र शुरू होने से ठीक पहले भाजपा सरकार के खिलाफ माहौल गर्माकर साफ संकेत दे दिए हैं कि उसका रुख सत्र के दौरान सत्तापक्ष पर हमलावर रहने वाला है। यह देखना दिलचस्प रहेगा कि संख्या बल में विपक्ष से ढाई गुना भारी-भरकम सत्तापक्ष जवाब में क्या रणनीति अख्तियार करता है।
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