सत्र के लिए 530 से अधिक सवाल, विपक्ष के वार पर मंत्री कर रहे पलटवार

उत्तराखंड देहरादून

उत्तराखंड की पांचवीं विधानसभा का दूसरा सत्र आज मंगलवार से शुरू हो गया है। सत्र के पहले ही दिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सरकार विधानसभा के पटल पर वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए बजट प्रस्ताव पेश करेगी। माना जा रहा है कि धामी सरकार बजट में राज्य के विभिन्न वर्गों के लोगों के लिए कई उपहारों की घोषणा कर सकती है।

530 से अधिक प्रश्न मिले

कुछेक अवसरों पर सत्तापक्ष पर भी विपक्ष की ओर से यह सवाल उठते रहे हैं कि उन्हें बजट और उससे संबंधित सामग्री समय से उपलब्ध नहीं कराई गई, जिससे उन्हें अध्ययन और तैयारी करने के लिए पर्याप्त समय नहीं मिला? सदन के भीतर यह परिपाटी सी बन गई है कि विभागवार बजट व विधेयकों को पारित कराते समय विपक्ष किसी न किसी मसले पर हंगामा और शोरशराबा करने में मशगूल हो जाता है और सरकार घंटों का काम मिनटों में निपटा लेती है।सोमवार को कार्य मंत्रणा समिति में सदन की कार्यवाही का एजेंडा तय किया गया था। सत्र के लिए 530 से अधिक प्रश्न मिले थे।

कुछ ही सदस्यों की चर्चा में अधिक दिलचस्पी

इस बार बजट सत्र ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण (भराड़ीसैंण) के बजाय देहरादून में हो रहा है। इसलिए कतिपय सदस्यों के सामने प्रतिकूल परिस्थितियों का प्रश्न भी नहीं है। वे जितना समय चाहें बहस के लिए ले सकते हैं? दुर्भाग्य से विधानसभा में पेश होने वाले बजट और आर्थिक सर्वेक्षण पर भी कुछ ही सदस्यों की चर्चा में अधिक दिलचस्पी दिखाई देती है।

बजट सत्र से पहले विधानसभा अध्यक्ष से मिले सीएम धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा में बजट सत्र शुरू होने से पहले विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी भूषण और नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य से शिष्टाचार भेंट की। इस दौरान मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल भी मौजूद रहे। वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल शाम चार बजे सदन में बजट प्रस्ताव रखेंगे।

भ्रष्टाचार के मामलों को लेकर बहस

विधानसभा सत्र में प्रश्नकाल शुरू हो गया है। इस दौरान  विधायक संजय डोभाल ने पंचायतों में भ्रष्टाचार का मामला उठाया। जिस पर पंचायती राज मंत्री सतपाल महाराज ने जवाब में सदन को अवगत कराया कि प्रदेश में पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत में भ्र्ष्टाचार के कुल 23 मामले लंबित है। इन पर सरकार नियमानुसार कार्रवाई कर रही है। 

क्या इस बार सदन में सार्थक बहस हो पाएगी

विधानसभा सत्र का अभी तक का यही अनुभव रहा है कि यहां गंभीर से गंभीर विषय निरर्थक बहसों की भेंट चढ़ जाते हैं। दर्जनों उदाहरण हैं जब विधानसभा में कई महत्वपूर्ण विधेयक लिए लाए गए, लेकिन सत्ता पक्ष और विपक्ष की आपसी तकरार की वजह से उन पर चर्चा नहीं हो पाई। जिन विधेयकों पर चर्चा के लिए एक-एक, दो-दो घंटे के समय रखा गया था, वे हंगामे के बीच मिनटों में पास हो गए। प्रश्न यही है कि क्या सदन के भीतर वही परिपाटी देखने को मिलेगी या इस बार सदस्य दलगत और वैचारिक द्वंद्व को छोड़कर राज्य हित से जुड़े मसलों पर सार्थक चर्चा करेंगे और अपने महत्वपूर्ण सुझाव रखेंगे?

गैरसैंण में उपवास करेंगे पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत

गैरसैंण में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भी उपवास करेंगे। सदन के भीतर और बाहर जनभावनाओं के इस मुद्दे पर विपक्ष सरकार को घेरने का प्रयास करेगा। कांग्रेस विधानमंडल दल की बैठक में पार्टी ने अपनी रणनीति को धार दी। इधर राजधानी में विधानसभा सत्र शुरू हो गया है। 

विपक्ष का हंगामा शुरू

विधानसभा सत्र शुरू होने से पहले विपक्ष के विधायकों ने सदन के बाहर हंगामा शुरू कर दिया था। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, आदेश चौहान, राजेंद्र भंडारी सहित पार्टी के कई नेताओं ने यहां सीढ़ियों पर बैठकर नारेबाजी शुरू कर दी है। गैरसैंण में बजट सत्र न कराए जाने को लेकर विपक्ष विरोध में उतरा है।

प्रश्नकाल जारी, पंचायतों में भ्रष्टाचार के 23 मामलों को लेकर हुई बहस शुरू

राजधानी देहरादून में विधानसभा सत्र शुरू हो गया है। वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल सदन में बजट प्रस्ताव रखेंगे। मार्च में सरकार पहली तिमाही के लिए लेखानुदान लेकर आई थी। अब सरकार शेष अवधि के लिए बजट लाएगी। कैबिनेट की बैठक में सरकार ने वित्तीय वर्ष के लिए करीब 63 हजार करोड़ रुपये के बजट प्रस्ताव को मंजूरी दी थी।

माना जा रहा है कि धामी सरकार बजट में राज्य के विभिन्न वर्गों के लोगों के लिए कई उपहारों की घोषणा कर सकती है। वित्त मंत्री के मुताबिक, बजट में प्रदेश की जनता से लिए गए महत्वपूर्ण सुझावों की झलक दिखाई दे सकती है। भाजपा के चुनाव दृष्टिपत्र में किए गए संकल्पों को भी बजट में उतारने का प्रयास दिखना तय है।

विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी भूषण अध्यक्षता में सोमवार शाम को कार्यमंत्रणा समिति की बैठक हुई थी, जिसमें तीन दिन का एजेंडा तय हुआ था। शाम करीब चार बजे सरकार सदन पटल पर बजट पेश करेगी। सर्वदलीय बैठक में स्पीकर ने सदन की कार्यवाही को शांतिपूर्ण ढंग से संचालित करने में सहयोग की अपील की। 16 जून के बाद फिर कार्यमंत्रणा समिति की बैठक होगी।

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