नैनीताल। आय से अधिक संपत्ति मामले में फंसे राज्य के सीनियर आईएएस व लखनऊ विकास प्राधिकरण के पूर्व सचिव राम विलास यादव गिरफ्तारी से बचने को नैनीताल हाईकोर्ट पहुंच गए हैं। उन्होंने जांच में सहयोग करने की बात कही है। यादव की याचिका पर आज सुनवाई होगी।
आईएएस यादव पर पिछले दिनों विजिलेंस की ओर से मुकदमा दर्ज किया गया है। उन पर आय से कई गुना अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप गलाया गया है। विजिलेंस ने यादव के ठिकानों पर छापेमारी भी की थी।
यादव ने गिरफ्तारी पर रोक लगाने की याचना करते हुए कहा कि वे जांच में पूरी तरह सहयोग को तैयार हैं। उनकी दलील है उनकी अधिकांश संपत्ति पुस्तैनी है। वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ में यादव की याचिका पर सुनवाई होगी।
30 जून को सेवानिवृत्त हो जाएंगे यादव
आय से अधिक संपत्ति के मामले में घिरे आईएएस रामविलास यादव पर 19 अप्रैल को मुकदमा दर्ज किया गया था । उन पर आय से 500 प्रतिशत अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप है । बता दें कि आइएएस यादव 30 जून को सेवानिवृत्त हो जाएंगे।
2019 में उत्तर प्रदेश से आए थे उत्तराखंड
आइएएस राम विलास यादव 2019 में यूपी से उत्तराखंड आए थे। यहां शासन ने नौ जनवरी 2019 को उनके खिलाफ विजिलेंस में खुली जांच के आदेश दिए थे। विजिलेंस टीम ने आइएएस रामविलास यादव को पूछताछ के लिए बुलाना चाहा , लेकिन वो उपस्थित नहीं हुए। इसके बाद आइएएस का पक्ष जानने के लिए तीन सदस्यीय हाईपावर कमेटी बनाई गई, पर यादव ने उसे भी गुमराह किया।
आय से 500 प्रतिशित अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप
आय से अधिक संपत्ति के मामले में घिरे आइएएस रावविलास यादव पर विजिलेंस का शिकंजा कस रहा है। वह अभी तक विजिलेंस के समक्ष पेश नही हुए हैं। ऐसे में विजिलेंस कोर्ट के जरिये उन्हें नोटिस भेज सकती है। उन पर आय से 500 प्रतिशत अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप है।
कोर्ट से भिजवाया जाएगा नोटिस
विजिलेंस के एसपी धीरेंद्र गुंज्याल ने बताया कि कई बार बुलाने के बावजूद अब भी आइएएस रामविलास यादव पेश नहीं हुए। यदि वह अपना पक्ष रखने के लिए नहीं आते हैं तो नियमों के मुताबिक कोर्ट से नोटिस भिजवाया जाएगा।