उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों में हो रही बारिश के बाद नदियां उफान पर हैं। गंगा, काली नदी सहित कई नदियाें का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ का खतरा भी बढ़ गया है। प्रशासन की ओर से अलर्ट जारी करने के साथ ही संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है। नदी किनारे रह रहे लोगों को अलर्ट रहने की हिदायत भी दी गई।
पिथौरागढ़ सीमांत में हो रही भारी बारिश के बाद नदियों का जलस्तर बढ़ गया है। हालात यह हैं कि काली नदी ने चेतावनी स्तर पार कर लिया है। वहीं रामगंगा नदी के उफान पर आने से थल के जोग्यूड़ा में भूकटाव शुरू हो गया है। लोगों की कई नाली उपजाऊ भूमि नदी में समा गई है।
काली नदी का चेतावनी स्तर 889 मीटर है, जबकि यह 889.40 मीटर पर बह रही है। वहीं गोरी भी चेतावनी स्तर से महज एक मीटर नीचे बह रही है। इसका चेतावनी स्तर 606.80 मीटर है। नदियों का जलस्तर बढ़ने से किनारे बसी आबादी में दहशत है। वहीं दूसरी ओर, बारिश के बाद गंगा नदी का भी जलस्तर बढ़ गया है।
भारी बारिश की चेतावनी के बाद बाढ़ को लेकर 30 गावों में रेड अलर्ट
उत्तराखंड में देहरादून, नैनीताल, पिथौरागढ़ सहित कई जिलों में भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग की चेतावनी के बाद हरिद्वार प्रशासन भी अलर्ट मोड पर आ गया है। दो दिन तक भारी बारिश की मौसम विभाग की चेतावनी ने प्रशासन में हलचल मचा दी।
आपदा की आशंका को देखते हुए प्रशासन ने गंगा और सोलानी नदी के किनारे के आसपास के चालीस से अधिक गांवों में रेड अलर्ट जारी कर दिया है। साथ ही आपदा में राहत एवं बचाव की तैयारी भी कर ली गई है। हरिद्वार जिले में अभी तक एकाध बार ही ढंग से बरसात हुई है।