हल्द्वानी : राजनीति के अजातशत्रु माने जाने वाले भारत रत्न और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की आज चौथी पुण्यतिथि है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।
अटल जी का उत्तराखंड से भी गहरा नाता था। दशकों की लंबी मांग के बाद अटल जी की ही निर्णायक भूमिका के कारण नौ नवंबर 2000 को उत्तराखंड देश के मानचित्र पर अलग राज्य के रूप में वजूद में आया।
1996 में राज्य आंदोलन कारियों को दिया था भराेसा
अटल बिहारी वाजपेयी 1996 में देहरादून पहुंचे। इस दौरान अलग राज्य की मांग को लेकर आंदोलन पूरे सबाब पर था। उन्होंने आंदोलनकारियों से मुलाकात की और उनकी मांगों पर विचार करने का भरोसा दिया। वाजपेयी ने इस भरोसे को कायम भी रखा और नए राज्य की स्थापना वाजपेयी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के दौरान ही हुई।
2003 में नैनीताल पहुंचे थे अटल जी
वर्ष 2003 में प्रधानमंत्री के रूप में अटल जी नैनीताल पहुंचे। तब राज्य में पहली निर्वाचित सरकार नारायण दत्त तिवारी के नेतृत्व में कांग्रेस की थी। उन्होंने मुख्यमंत्री के आग्रह पर उत्तराखंड के लिए दस साल के विशेष औद्योगिक पैकेज की घोषणा की। यह उत्तराखंड के प्रति उनकी दूरदर्शी सोच ही थी कि औद्योगिक पैकेज देकर उन्होंने नवोदित राज्य को खुद के पैरों पर खड़ा होने का अवसर दिया।
स्कूटर पर घूमा करते थे वाजपेयी
अटल जी को नैनीताल और मसूरी से खासा लगावा था। जब भी अवसर मिलता, वह मसूरी आते और पहाड़ी की शांत वादियों में विचरण किया करते। देहरादून में उनके गहरे पारिवारिक मित्र नरेंद्र स्वरूप मित्तल रहते थे और जब भी वाजपेयी देहरादून आते, उनके पास खासा वक्त गुजारते। अटल जी दून की सड़कों पर नरेंद्र स्वरूप मित्तल के साथ 1975 मॉडल के स्कूटर पर सैर करते थे।