दून अस्पताल में लाइफस्टाइल क्लीनिक शुरू, कैथ लैब का भी शिलान्यास

उत्तराखंड देहरादून

देहरादून। दून अस्पताल के डॉक्टर लोगों की बिगड़ी जीवनशैली का इलाज कर उसे सुधारने में मदद करेंगे। शारीरिक श्रम के अभाव, गलत खानपान, देर रात तक जागना, धूमपान और शराब आदि के सेवन से होने वाले हाईपरटेंशन, मधुमेह, मोटापा, कोलेस्ट्राल का बढऩा और विभिन्न गैर-सचारी रोगों में इजाफा होने से प्रबन्धन ने यह पहल की है।

दून मेडिकल कालेज अस्पताल में अब लाइफस्टाइल क्लीनिक संचालित किया जाएगा। गुरुवार को स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, मेयर सुनील उनियाल गामा, विधायक खजान दास, डीजी डॉ. आशीष श्रीवास्तव, एचएनबी मेडिकल यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर हेमचंद्र पांडे, प्राचार्य डॉ. आशुतोष स्याना ने इसका शुभारंभ किया। वहीं दिल के मरीजों के लिए बेहतर इलाज को कैथलैब का भी शिलान्यास किया गया। कैथ लैब को नौ नवंबर तक शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है। लैब के शुरू होने से मरीजों की एंजियोग्राफी और एंजियोप्लास्टी की सुविधा मिलेगी। प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना ने बताया कि लाइफ स्टाइल क्लीनिक का मकसद रोग प्रबंधन के साथ-साथ लोग को प्रिवेंटिव हेल्थ की ओर प्रेरित करना है। लाइफ स्टाइल क्लिनिक का संचालन ओपीडी के द्वितीय तल पर पीएमआर (फिजिकल मेडिसिन एंड रिहेबिलिटेशन) विभाग के साथ किया गया है। पीएमआर के इंचार्ज डॉ. अभिषेक चौधरी इसकी व्यवस्था देखेंगे। जनरल मेडिसिन, कम्युनिटी मेडिसिन, न्यूट्रीशियन और पीएमआर विभाग के चिकित्सक व स्टाफ इसमें अपनी सेवा देंगे। कम्युनिटी मेडिसिन के असिस्टेंट प्रोफेसर डा. दीनदयाल वर्मा व डायटीशियन रिचा कुकरेती इसमे अपना योगदान देंगे।

पीएमआर के एचओडी डॉ. अभिषेक चौधरी के मुताबिक जीवनशैली में बदलाव कर कई बीमारियों से बचा जा सकता है। हाईपरटेंशन, मधुमेह सहित अन्य गैर संचारी रोग के प्रबंधन में स्वास्थ खानपान व संयमित व संतुलित दिनचर्या का महत्वपूर्ण योगदान है। इससे बीमारी के प्रबंधन में मदद मिलती है। लाइफस्टाइल क्लीनिक में व्यायाम, आहार आदि की भूमिका पर भी बात होगी। डायटीशियन मरीज को बताएगी कि बीमारी की दशा में वह अपना खानपान क्या रखे। ताकि उसे पर्याप्त पोषण मिले और बीमारी की रोकथाम में भी मदद मिले।

कम्युनिटी मेडिसिन का काम गैर-सचारी रोगों के प्रति जागरुकता लाना और मरीज की काउंसलिंग करना होगा। मसक्यूलोस्केलेटल डिस्आर्डर में स्थिति का मूल्यांकन, प्रबंधन व निदान पीएमआर विभाग करेगा। दवा आदि का पक्ष मेडिसिन विभाग देखेगा। यह सामूहिक प्रयास से एक सहायक पद्धति की तरह काम करेगा। इस दौरान एमएस डॉ. केसी पंत, डीएमएस डॉ. एनएस खत्री, ह्रदय रोग विशेषज्ञ डॉ. अमर उपाध्याय, डॉ. अभिषेक चौधरी, डॉ. अनुराग अग्रवाल, डॉ. नारायनजीत सिंह, डॉ. दौलत सिंह, डॉ. भावना पंत, डॉ. अशोक कुमार, डॉ. विशाल कौशिक, डॉ. सुशील ओझा, भाजपा नेता विशाल गुप्ता, सीपीआरओ महेंद्र भंडारी, पीआरओ सुधा कुकरेती, प्रशासनिक अधिकारी दीपक राणा, फिजियोथेपिस्ट रुचि सेमवाल, पीआरओ दिनेश रावत, जसवंत रावत, ऋचा कुकरेती आदि मौजूद रहे।

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