उत्तराखंड के टिहरी जिले में बीती 19 अगस्त को अतिवृष्टि ने जमकर कहर बरपाया था। इस दौरान ग्वाड़ गांव में एक मकान में पांच लोग मलबे में दब गए। वहीं, सोमवार को एक और महिला का शव मालदेवता की सौंग नदी से एसडीआरएफ की टीम ने बरामद किया था। मंगलवार को शव की पहचान हो गई है। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी बृजेश भट्ट ने बताया कि मृतक महिला के परिजनों ने शव की शिनाख्त की है। महिला की पहचान हिमदेवी (55 वर्ष) पत्नी मदन सिंह कैंतुरा, निवासी सिल्ला गांव, टिहरी गढ़वाल के रूप में की है।
आपदा के बाद से ही जौनपुर ब्लॉक के ग्राम पंचायत धनचुला के ग्राम सिल्ला गांव निवासी मदन सिंह कैंतुरा की पत्नी लापता थी। प्रधान राजेश सिंह कैंतुरा ने बताया कि आपदा के बाद संचार सेवा ठप होने से घटना की सूचना प्रशासन को नहीं दे पाए। प्रधान ने बताया कि हिमदेवी गांव से आठ किमी दूर काटल तोक में रहती थीं। पति और चार बच्चे सिल्ला गांव में रहते हैं। काटल तोक के जिस मकान में हिमदेवी रहती थीं उसके पीछे पहाड़ी से हुए भूस्खलन से पूरा मकान मलबे से दब गया।
बचाव टीम आज भी चलाएगी तलाशी अभियान
मलबे के ढेर में दबे मकान में पांच लोगों का आज चौथे दिन भी पता नहीं चल पाया है। दबे लोगों की तलाश में जुटी एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पुलिस की टीम मलबा खोदने में जुटे हैं लेकिन हाथ फिर भी खाली है। डीएम ने बताया कि घटनास्थल से एक किमी तक मलबा हटाने के बाद भी लापता लोग नहीं मिल पाए हैं। टीम आज फिर से अभियान चलाएगी। वहीं जिला प्रशासन ने घटना में मारे गए राजेंद्र सिंह के आश्रितों को चार-चार लाख राहत राशि के चेक दिए हैं।
19 अगस्त तड़के अतिवृष्टि से जौनपुर ब्लॉक के कुमाल्डा क्षेत्र में भारी तबाही हुई जिससे ग्वाड़ गांव में दो परिवारों के सात लोग मलबे में दब गए थे। इसी दिन ग्रामीणों ने रेस्क्यू कर राजेंद्र सिंह और उनकी पत्नी सुनीता देवी के शव बरामद कर लिए थे लेकिन कमांद सिंह और उनके परिवार के चार लोग अभी भी लापता हैं। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की 17 सदस्यीय टीम तलाशी अभियान चला रही है। डीएम डा. सौरभ गहरवार ने बताया कि ग्वाड़ गांव में घटनास्थल से एक किमी तक टीम ने तलाशी अभियान चलाया लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी।