नैनीताल : 15 जुलाई को चमोली जिले के हेलंग गांव में पुलिस और औद्योगिक इकाई के सुरक्षाबलों ने ग्रामीण महिलाओं की घास छीन कर उनके खिलाफ कार्रवाई की थी। घटना के विरोध में स्वर उठने लगे हैं।
नैनीताल में प्रदेश के विभिन्न जिलों से पहुंचे आधा दर्जन से अधिक संगठनों के सैकड़ों लोगों ने सड़क पर उतर कर जमकर प्रदर्शन किया। लोगों ने माल रोड पर रैली निकालकर जल जंगल जमीन की सुरक्षा करने की मांग रखी। जनसभा कर सरकार पर जमकर वार किए। जिसके बाद लोगों के प्रतिनिधिमंडल ने पांच सूत्रीय मांग को लेकर आयुक्त कार्यालय में ज्ञापन सौपा।
गुरुवार को हेलंग एकजुटता मंच के बैनर तले प्रदेशभर से पहुंचे विभिन्न संगठनों के सैकड़ों लोग मल्लीताल पंत पार्क में एकत्रित हुए। हाथों में तख्तियां, बैनर, पोस्टर और माइक लेकर लोगों ने माल रोड होते हुए तल्लीताल तक विशाल जुलूस निकाला। इस बीच लोगों ने नारेबाजी, गीत संगीत के माध्यम से अपने हक की मांग की।
तल्लीताल डांठ में सभा आयोजित कर लोगों ने कहा कि हेलंग में हुई घटना से सिर्फ उत्तराखंड के मूलवासियों से उनके हक ही नहीं छीने गए, बल्कि औद्योगिक इकाई के दबाव में काम करते हुए महिलाओं पर कार्रवाई भी की गई, जो कि बेहद ही निंदनीय है। हेलंग घटना के विरोध के बहाने वह सरकार को जगाना और चेताना चाहते है कि उत्तराखंडियों का उत्पीड़न छोड़ दे। उन्हें जल, जंगल, जमीन पर उनका हक दिया जाए।
रैली में राजीव लोचन साह, पद्मश्री शेखर पाठक, डॉ उमा भट्ट, चंपा उपाध्याय, कैलाश जोशी, इदरेश मैखुरी, पीसी तिवारी, कमला कुंजवाल, भारती जोशी समेत भारी संख्या में लोग मौजूद रहे।
पांच सूत्रीय मांगों को लेकर आयुक्त कार्यालय में सौपा ज्ञापन
प्रदर्शनकारियों ने डांठ में सभा करने के बाद जुलूस की शक्ल में लोगों का हुजूम आयुक्त कार्यालय पहुँचा। जहां प्रदर्शनकारियों के प्रतिनिधिमंडल ने सीएम को संबोधित ज्ञापन सौंपा।
- प्रदर्शनकारियों ने महिलाओं से घास छीनने और हिरासत में रखने वाले सीआईएसएफ को निलंबित करने मांग की।
- उत्पीड़ित महिलाओं के खिलाफ अभियान चलाने वाले चमोली डीएम को पद से हटाने की मांग।
- वन पंचायत नियमावली के विरुद्ध दी गयी वन पंचायत की गैरकानूनी स्वीकृति को रद्द किया जाने की मांग।
- टीएचडीसी के विरुद्ध नदी में मलबा डालने पर मुकदमा दर्ज करने की मांग।
- हेलंग मामले की जांच हाईकोर्ट के सेवारत अथवा सेवानिवृत्त न्यायाधीश से कराने की मांग।