नैनीताल झील पर गंभीर संकट, सितम्बर में झील का जलस्तर अब तक के इतिहास मे सर्वाधिक गिरा

उत्तराखंड नैनीताल

नैनीताल : मानसून सीजन में औसत से कम वर्षा आगामी दिनों के लिए भी परेशानी खड़ी कर रही है। कम वर्षा के चलते इस मानसून नैनी झील का जलस्तर बेहद कम हो गया है। इस सीजन में यहां बारिश और नैनीझील का जलस्तर आज तक के इतिहास में सबसे कम है।

कम बारिश होने के कारण नैनीताल के प्राकृतिक जलस्रोत भी पूरी तरह रिचार्ज नहीं हो पाए हैं। यही हालत रही तो अगली गर्मियों में जलसंकट से गुजरना पड़ सकता है। इस वर्ष मानसून में महज 565 मिमी ही वर्षा हुई, जो कि मानसून के दौरान बेहद कम है।

दस जून से शुरू होने वाला मानसून नैनीताल तक माह अंत तक पहुंच जाता है। मगर इससे पूर्व ही नैनीताल में अच्छी खासी वर्षा रिकार्ड की जाती है। मगर इस वर्ष वर्षा के लिहाज से मानसून सूखा रह गया। करीब तीन माह के मानसून काल में 565 मिमी ही वर्षा दर्ज हो पाई है। नतीजतन नैनी झील की हालत भी नहीं सुधर सकी।

वर्षा कम होने से झील अपने उच्च स्तर को नहीं छू सकी। झील नियंत्रण कक्ष प्रभारी रमेश सिंह ने बताया कि वर्तमान में झील का जलस्तर सामान्य से आठ फीट ऊपर बना हुआ है। जोकि बीते वर्ष 12 फीट था। यदि शीतकाल में अच्छी वर्षा और बर्फबारी नहीं हुई तो गर्मियों में जल संकट गहरा सकता है।

बीते पांच वर्षो में यह रहा झील का जलस्तर व वर्षा

वर्ष जलस्तर वर्षा जनवरी से अब तक

2022- 8 फीट- 1108 मिमी

2021- 12 फीट- 1773 मि मी

2020- 11.3 फीट- 1567 मिमी

2019- 8.9 फीट- 1325 मिमी

2018- 11.8 फीट- 1865 मिमी

2017- 9.5 फीट- 3084 मिमी

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