धार्मिक स्थलों की आड़ में वन भूमि पर अवैध कब्जे, हटाए जाएंगे मंदिर,मस्जिद, मजार

उत्तराखंड देहरादून

देहरादून। उत्तराखंड में वन भूमि पर बने धार्मिक स्थलों को हटाने की तैयारी है। शासन ने पीसीसीएफ से वन भूमि पर बने धार्मिक स्थलों की सूची मांगी है। पीसीसीएफ(हॉफ) विनोद कुमार सिंघल के मुताबिक, विभाग सूची तैयार कर रहा है और बहुत जल्द ये कार्य पूरा हो जाएगा।

धार्मिक स्थलों के बहाने सरकारी भूमि पर कब्जा करने से रोकने के लिए वन विभाग के अधिकारियों को पहले ही निर्देश जारी हैं। इसके साथ उन स्थलों की सूची तैयार हो रही है, जहां वन भूमि पर मंदिर, मस्जिद, मजार या गुरुद्वारा व अन्य कोई धार्मिक स्थल बना है। पीसीसीएफ का कहना है कि इसकी सूची तैयार कर सरकार को भेज दी जाएगी।

बता दें कि वन भूमि से अवैध कब्जे, धार्मिक स्थल हटाने को लेकर न्यायालय से भी आदेश हो चुके हैं। इसके बावजूद प्रदेश में वन भूमि क्षेत्र में धार्मिक स्थल बनाए जा रहे हैं। राज्य गठन के बाद बड़ी संख्या में धार्मिक स्थलों की आड़ में वन और सरकारी भूमि पर कब्जे किए गए।

मुख्यमंत्री भी दे चुके हैं कब्जे हटाने के निर्देश
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी धार्मिक स्थलों की आड़ में वन भूमि पर अवैध कब्जे हटाने के निर्देश दे चुके हैं। उनके निर्देश के बाद सभी डीएफओ को ऐसे स्थल चिन्हित करने को कहा गया था।

सूची आने के बाद सरकार लेगी निर्णय
प्रमुख सचिव (वन) आरके सुधांशु का कहना है कि विभाग वन भूमि पर अतिक्रमण को चिन्हित कर रहा है। इसकी सूची तैयार की जा रही है। सूची प्राप्त होने के बाद सरकार इस बारे में निर्णय लेगी।

10 हजार हेक्टेयर वन भूमि पर अतिक्रमण
वन विभाग के सूत्रों के मुताबिक, पूरे प्रदेश में करीब 10 हजार हेक्टेयर वन भूमि पर अतिक्रमण हो चुका है। इसमें वन भूमि पर धार्मिक स्थल भी शामिल हैं।

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