केदारनाथ में मंगलवार को हुए हेलीकॉप्टर हादसे में मारे गए पायलट अनिल सिंह का शव आज बुधवार को जौलीग्रांट भेजा गया। धाम में हुए इस हादसे के बाद से यात्रियों में दहशत है। बता दें, केदारनाथ से दर्शन करने के बाद छह यात्रियों को लेकर गुप्तकाशी (मस्ता) आ रहा आर्यन हेली कंपनी का हेलीकॉप्टर घने कोहरे के बीच पहाड़ी से टकराने से क्रैश हो गया था।
हेलीपैड से टेकऑफ करते ही दो मिनट बाद यह हादसा हो गया। इस हादसे में पायलट सहित सात लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। मृतक महाराष्ट्र, गुजरात और तमिलनाडु राज्य के हैं। मृतकों में चार महिलाएं हैं। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, डीडीआरएफ और पुलिस ने रेस्क्यू कर शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
मंगलवार को महाराष्ट्र, गुजरात और तमिलनाडु के छह यात्रियों ने केदारनाथ के दर्शन किए। दर्शन करने के बाद सभी को हेलीकॉप्टर से लौटना था। पूर्वाह्न लगभग 11 बजकर 34 मिनट पर आर्यन कंपनी के हेलीकॉप्टर ने छह यात्रियों को लेकर केदारनाथ से वापस गुप्तकाशी (मस्ता) के लिए उड़ान भरी लेकिन गरूड़चट्टी देवदर्शनी में घने कोहरे के बीच हेलीकॉप्टर के पायलट को सही दिशा नहीं दिखाई दी और 11 बजकर 36 मिनट पर हेलीकॉप्टर अचानक पहाड़ी से टकरा गया और क्रैश होकर जमीन पर जा गिरा।
हादसे में पायलट सहित सभी सात यात्रियों की मौके पर ही मौत हो गई। हेलीकॉप्टर दो हिस्सों में टूट गया और एक हिस्सा धू-धूकर जलने लगा।
जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि हादसे में हेलीकॉप्टर के पायलट अनिल कुमार (57) निवासी महाराष्ट्र सहित यात्री उर्वी बरार (25), कुर्ती बरार (30) व पूर्वा रामानुज (26) निवासी गुजरात, प्रेम कुमार वी (63), सुजाता (56) और कला (60) निवासी तमिलनाडु की मौके पर ही मौत हो गई।
केदारनाथ में मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि खराब मौसम और घाटी में छाया घना कोहरा दुर्घटना का कारण बना।
बताया जा रहा है कि हेलीकॉप्टर के केदारनाथ एमआई-26 हेलीपैड से मस्ता के लिए उड़ान भरने से पहले ही मौसम खराब होने लगा था। इसके बाद भी पायलट ने हेलीकॉप्टर उड़ान का जोखिम लिया।