Rishikesh: इंजीनियरिंग का शानदार नमूना होगा बजरंग पुल, कांच पर चलना होगा रोमांचक

उत्तराखंड देहरादून हरिद्वार

16 अप्रैल 2022 को प्रशासन में सुरक्षा की दृष्टि से जर्जर हो चुके 92 साल पुराने लक्ष्मणझूला पुल को बंद कर दिया था। इससे स्वर्गाश्रम और तपोवन क्षेत्र के बीच आवागमन को लेकर पर्यटकों और स्थानीय लोगों को दिक्कत हो रही है।

बजरंग पुल

बजरंग पुल – फोटो : डेमो

विस्तार

ऐतिहासिक लक्ष्मणझूला पुल के विकल्प बजरंग सेतु की बुनियाद का 20 दिनों में पूरा हो जाएगा। अब तक 72 फीसदी काम हो चुका है। इसके बाद कांच के फुटपाथ वाले 132.30 मीटर लंबे इस पुल का शानदार ढांचा आकार लेने लगेगा। लोक निर्माण विभाग नरेंद्रनगर का दावा है कि अगले छह महीने में पुल निर्माण का काम पूरा हो जाएगा।

16 अप्रैल 2022 को प्रशासन में सुरक्षा की दृष्टि से जर्जर हो चुके 92 साल पुराने लक्ष्मणझूला पुल को बंद कर दिया था। इससे स्वर्गाश्रम और तपोवन क्षेत्र के बीच आवागमन को लेकर पर्यटकों और स्थानीय लोगों को दिक्कत हो रही है। मजबूरन दो किमी दूर रामझूला से आवागमन करना पड़ रहा है। दूसरा विकल्प नाव से नदी को पार करना है लेकिन अब पर्यटक और स्थानीय लोग जल्द बजरंग सेतु से दो क्षेत्रों में आवागमन कर पाएंगे।

लोक निर्माण विभाग नरेंद्रनगर से मिली जानकारी के अनुसार अत्याधुनिक हाइड्रोलिक पाइलिंग रिग मशीन से पुल की पाइल फाउंडेशन तैयार की जा रही है। पुल पर 42 जगह पर पाइलिंग होनी है। इसमें से 21 पाइल प्वाइंट तपोवन और 21 प्वाइंट स्वर्गाश्रम क्षेत्र की ओर बनाए गए हैं। इनमें से तपोवन की ओर के 20 और स्वर्गाश्रम क्षेत्र की ओर के 10 प्वाइंट पर पाइलिंग हो चुकी है। अब तपोवन की ओर एक और स्वर्गाश्रम की ओर 11 पाइलिंग प्वाइंट पर काम होना है। इसके बाद कॉलम खड़े किए जाएंगे। इसमें करीब 20 दिन का और समय लगेगा। एक बार बुनियाद का काम पूरा होने के बाद विभाग अगले छह महीनों में पुल के ऊपर का ढांचा तैयार करने का दावा कर रहा है।
पारदर्शी कांच पर चलना होगा रोमांचक
54.97 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले बजरंग सेतु की ऊंचाई 57 मीटर होगी। इसके बीच में दुपहिया और हल्के चौपहिया वाहनों के लिए 5 मीटर की डबल लेन होगी। पुल के दोनों किनारों पर चहलकदमी के लिए डेढ़-डेढ़ मीटर का फुटपाथ होगा। फुटपाथ 65 मिलीमीटर मोटे कांच से बना होगा। पर्यटक गंगा की लहरों को देख रोमांचित हो सकेंगे। बजरंग सेतु के टावर में केदारनाथ धाम की आकृति देखने को मिलेगी।
इंजीनियरिंग का दूसरा शानदार नमूना होगा बजरंग पुल
जानकी सेतु और बजरंग सेतु वन मंत्री सुबोध उनियाल के ड्रीम प्रोजेक्ट रहे हैं। वर्ष 2020 के नवंबर महीने में तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जानकी सेतु का लोकार्पण किया था। पर्यटक शानदार इंजीनियरिंग के नमूने जानकी सेतु को देखकर अचंभित हो जाते हैं। बजरंग सेतु के निर्माण में भी नवीनतम तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है। यह उत्तर भारत का पहला कांच के फुटपाथ वाला पुल होगा।

पुल की पाइलिंग का काम अगले 20 दिन में पूरा हो जाएगा। इसके बाद कॉलम बनने के साथ पुल का ढांचा तैयार होने लग जाएगा। जुलाई 2023 की निर्धारित डेडलाइन तक पुल का निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा।

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