वित्तीय वर्ष 2022 से 2025 तक चलने वाली योजना में पांच हजार लोगों को जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है।बताया कि पहले चरण में योजना टिहरी, पौड़ी, हरिद्वार, रुद्रप्रयाग और देहरादून में शुरू की गई है, जिसमें दो हजार लोगों को जोड़ा जाएगा। दूसरे चरण में दो हजार और तीसरे चरण में एक हजार लोगों को जोड़ा जाएगा।\
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अगर आप नया व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं, तो स्वरोजगार से जुड़ते हुए ब्याज मुक्त ऋण लेकर पोल्ट्री फार्म शुरू कर सकते हैं। राज्य सरकार के दो विभागों पशुपालन और सहकारिता ने संयुक्त रूप से पोल्ट्री वैली योजना लॉन्च की है।
योजना से जुड़ने वाले लोगों को फार्म शुरू करने के लिए न केवल ब्याज मुक्त ऋण दिया जाएगा, बल्कि चूजे और दाना संग चिकित्सा सेवा भी उपलब्ध कराई जाएगी। इतना ही नहीं तैयार मुर्गों को सरकार खुद आपके द्वार पर खरीदेगी और बाजार में बेचेगी। सचिव व मुख्य कार्यक्रम निदेशक राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना डॉ. बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2022 से 2025 तक चलने वाली योजना में पांच हजार लोगों को जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है।
बताया कि पहले चरण में योजना टिहरी, पौड़ी, हरिद्वार, रुद्रप्रयाग और देहरादून में शुरू की गई है, जिसमें दो हजार लोगों को जोड़ा जाएगा। दूसरे चरण में दो हजार और तीसरे चरण में एक हजार लोगों को जोड़ा जाएगा। योजना के तहत कुल 10,363 लाख रुपये की व्यवस्था की गई। इस योजना में उत्पादित मुर्गों को सहकारी समितियों के जरिए हिमाला ब्रांड के नाम से बेचा जाएगा।
लाभार्थी को सहकारी समिति का सदस्य होना अनिवार्य है। महिलाओं को वरीयता दी जाएगी।
चयनित लाभार्थी का संबंधित एमपैक्स के साथ कोई बकाया ऋण नहीं होना चाहिए।
अपनी जमीन या पट्टे की जमीन होनी चाहिए।
केवाईसी के लिए जरूरी दस्तावेज होने चाहिए।कौन विभाग क्या करेगा
पहले चरण में एमपैक्स (सहकारी) चिह्नित 2,000 लोगों को दीनदयाल उपाध्याय ब्याज मुक्त ऋण दिया जाएगा। इससे पोल्ट्री शेड निर्माण और अन्य जरूरी खर्च के लिए सहायता राशि उपलब्ध कराई जाएगी।
पशुपालन विभाग एक दिन के चूजों को एक माह तक पालने के बाद लाभार्थियों को वितरण करेगा। दाना भी उपलब्ध कराएगा।
बिचौलियों की कोई भूमिका नहीं। तैयार मुर्गियों को एम पैक्स खरीदेगा।
उत्तराखंड में मुर्गियां नजीबाबाद और बिजनौर से आ रही हैं। सरकार की ओर से प्रयास किया जा रहा कि स्थानीय स्तर पर पोल्ट्री किसानों को मदद दी जाए, ताकि उनकी आमदनी दोगुनी हो और पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन रुक सके।
– डॉ. धन सिंह रावत, सहकारिता मंत्री
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– सौरभ बहुगुणा, पशुपालन मंत्री