शातिर सुशील कई बड़ी वारदात को अंजाम दे चुका है। पांच साल पहले दिल्ली के प्रीत विहार से ओला कैब में एक डॉक्टर का अपहरण किया था। डॉक्टर को छोड़ने के लिए ओला से ही पांच करोड़ मांगे थे। 15 दिन तक पुलिस को खूब छकाया। उसके तीन साथी गिरफ्तार हो गए लेकिन सुशील पुलिस के हाथ नहीं आया।
इसके बाद कोर्ट में सरेंडर कर दिया फिर जमानत पर बाहर आकर अपराध करने लगा। एसएसपी दलीप सिंह कुंवर के अनुसार, सुशील ने दिल्ली, हरियाणा, मेरठ आदि जगहों पर कई अपराध किए। लेकिन, किसी भी राज्य की पुलिस उसे गिरफ्तार नहीं कर सकी।
पहली बार वह उत्तराखंड पुलिस के हत्थे चढ़ा है। सुशील ने वर्ष 2017 में बड़े शातिराना ढंग से दिल्ली के प्रीत विहार से डॉक्टर का अपहरण किया था। फर्जी दस्तावेज के आधार पर पहले एक कार को ओला में लगवाया। इसे कई महीनों तक दिल्ली में चलाया। एक दिन प्रीत विहार मेट्रो स्टेशन के बाहर से डॉक्टर का अपहरण कर लिया था।
गाजियाबाद स्थित मन्नूपुरम गोल्ड लोन कंपनी की ब्रांच में पिछले साल हुई लूट में भी सुशील का नाम आ चुका है। बदमाशों ने वहां से 17 किलो सोना लूट लिया था। इसके बाद सुशील के कई साथी पकड़े गए। हरियाणा में भी उसने लूट की कई घटनाओं को अंजाम दिया। सुशील ने पुलिस को बताया कि अधिवक्ता सरना के पास काफी पैसा होने की जानकारी थी। लेकिन, घर में ज्यादा रकम नहीं मिली। उसे वहां रखी घड़ियां अच्छी लगीं, इसलिए छह उठा लीं। पता होता कि ये लाखों रुपये की हैं तो सभी 25 घड़ियां उठा लेता।