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Joshimath Crisis: जमापूंजी से बनाया था घर, अब कहां बसाएंगे पता नहीं…चेहरे पर दिखी बेबसी, तस्वीरें रुला देंगी

उत्तराखंड चमोली

विस्थापन का दर्द
                   विस्थापन का दर्द – फोटो : garhwalsamachar.com

अपना घर खाली करने के दौरान हर कोई भावुक हो रहा है। प्रभावित महिलाएं फूट-फूटकर रो रही हैं। उनका कहना है कि अपनी जमापूंजी से यह घर बनाया था अब उन्हें कहां बसाया जाएगा इसका कुछ पता नहीं। बृहस्पतिवार को घर का सामान समेटने में जुटीं मनोहर बाग वार्ड की मीना देवी ने कहा कि अपनी जमापूंजी से यह घर बनाया था इसे खाली करना पड़ रहा है।

मीना देवी कहा कि प्रशासन के लोग सिर्फ राहत शिविर में जाने के लिए कह रहे हैं। मुआवजा और नए घर के लिए जमीन के बारे में कोई कुछ बताने को राजी नहीं है। सिंहधार वार्ड में मकानों में दरारें आने से अधिकांश मकानों को खाली करवा दिया गया है। वार्ड की 67 वर्षीय भारती देवी का कहना है कि अपने खून-पसीने की कमाई से पाई-पाई इकट्ठा कर चार कमरों का मकान खड़ा किया था लेकिन अपने घर को छोड़कर कहां जाएंगे।

प्रशासन खाने और रहने की व्यवस्था कर रहा है लेकिन घर कैसे बनाएंगे इसकी चिंता सता रही है। तीन बेटे हैं और अभी तीनों बेरोजगार हैं। वहीं भारती देवी कहती हैं कि पूरी जिंदगी इसी घर पर बिताई, अब उम्र के इस पड़ाव में जाएं तो जाएं कहां। अब भगवान पर भी भरोसा नहीं रहा, भारती की व्यथा सुनकर हर किसी की आंखें नम हो रही हैं।

अपने घर खाली करते जोशीमठ के लोग
एनटीपीसी के खिलाफ क्षेत्रीय जनता में भारी आक्रोश है। बृहस्पतिवार को जोशीमठ के समीप चांई गांव के ग्रामीणों ने जोशीमठ बचाओ, एनटीपीसी भगाओ… के नारे के साथ सड़क से लेकर तहसील परिसर तक जुलूस निकालकर प्रदर्शन किया। इसके बाद उन्होंने तहसील परिसर में धरना दिया। प्रदर्शनकारियों में अधिकांश महिलाएं थीं।
जोशीमठ भू-धंसाव: लोगों ने छोड़े अपने घर
जोशीमठ भू-धंसाव: लोगों ने छोड़े अपने घर – फोटो : garhwalsamchar.com
चांई गांव भी पूर्व में विष्णुप्रयाग जल विद्युत परियोजना से प्रभावित गांव है। परियोजना की सुरंग से गांव में कई मकान क्षतिग्रस्त हो गए थे। बृहस्पतिवार को जोशीमठ के आपदा प्रभावितों के समर्थन में चांई गांव के महिला व पुरुष हाथों में नारे लिखी तख्तियां लेकर जोशीमठ पहुंचे और नगर में जुलूस निकालकर प्रदर्शन किया। इसके बाद तहसील में धरना दिया।
जोशीमठ में भू-धंसाव
चांई गांव की यशोदा देवी ने कहा कि जोशीमठ को ऐसे ही बरबाद नहीं होने दिया जाएगा। सरकार को पुनर्वास की नीति स्पष्ट करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि चांई गांव पहले ही भू-धंसाव का भुक्तभोगी है। हमने आपदा का दर्द देखा है। जोशीमठ को बरबाद नहीं होने देंगे। ग्रामीणों ने कहा कि जोशीमठ नगर की सुरक्षा के सरकार को पुख्ता इंतजाम करने चाहिए।
जोशीमठ भू-धंसाव: तोड़ा जा रहा होटल
तहसील परिसर में धरने पर बैठी ममता देवी ने कहा कि जोशीमठ क्षेत्र का भविष्य जल विद्युत परियोजनाओं ने लील दिया है। जगह-जगह हो रहा भू-धंसाव इसी का कारण है। सरकार मुआवजा राशि निर्धारित कर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर बसाए। ग्रामीणों ने चेतावनी दी यदि जोशीमठ के साथ अन्याय किया गया तो आंदोलन तेज कर लिया जाएगा।

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