मास्टर-माइंड रितु बनना चाहती थी करोड़पति, प्रति अभ्यर्थी 12 लाख रुपये में की थी डील

उत्तराखंड देहरादून

देहरादून: रातों-रात करोड़पति बनने की चाहत में संजीव चतुर्वेदी की पत्नी रितु ने उत्तराखंड के हजारों बेरोजगार युवाओं के सपनों का सौदा कर दिया। लेखपाल भर्ती परीक्षा के पेपर लीक की मास्टर-माइंड भी रितु रही।

उसने राज्य लोक सेवा आयोग में कार्यरत अनुभाग अधिकारी पति संजीव चतुर्वेदी के जरिये न सिर्फ परीक्षा का पेपर लीक किया, बल्कि प्रति अभ्यर्थी 12 लाख रुपये में इसे बेचने की डील भी की। रितु ने रामपाल से 25 लाख रुपये एडवांस लिए जबकि शेष रकम 15 दिन में पहुंचाने की बात भी तय की। पेपर बिक्री से लेकर रकम के लेनदेन तक की पूरी जिम्मेदारी रितु ने अपने पास रखी।

भर्ती परीक्षा से जुड़े आधा दर्जन अनुभाग
राज्य लोक सेवा आयोग में वर्ष 2018 से कार्यरत अनुभाग अधिकारी संजीव चतुर्वेदी अतिगोपन अनुभाग-तीन में तैनात था। यहां भर्ती परीक्षा से जुड़े आधा दर्जन अनुभाग हैं और यह पहला अवसर था जब चतुर्वेदी के अनुभाग को लेखपाल भर्ती परीक्षा का पेपर सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी दी गई।

संजीव ने जब यह जिक्र अपनी पत्नी रितु से किया था तो रितु के दिमाग में एक रात में करोड़ों का मालिक बनने की चाहत पनप गई। यह अलग बात है कि उसे पति को अपनी चाह पूरी करने के लिए पेपर लीक करने व बेचने के संबंध में मनाने के लिए एड़ी-चोटी तक का जोर लगाना पड़ा।

संजीव को खतरा था कि हालिया दिनों में प्रदेश में भर्ती परीक्षाओं में धांधली के जो मुददे छाए रहे, उसमें यदि उन्होंने पेपर लीक किया तो वह पुलिस की पकड़ में आ सकते हैं, लेकिन पत्नी रितु की जिद में वह राजी हो गया।

एसटीएफ की जांच में पता चला है कि पेपर लीक कराने से लेकर उसे बेचने तक की पूरी साजिश रितु ने रची। मामला दबा रहे, इसके लिए रितु ने अपने मोबाइल का इस्तेमाल किया। रितु के मोबाइल फोन से ही संजीव ने अपनी कस्टडी में रखे पेपर की फोटो खींची और वाट्सअप के जरिये उसे रामपाल को भेजा।

यही नहीं, रितु के मोबाइल से ही वाट्सअप काल कर डील फाइनल की गई। संजीव ने एसटीएफ को बताया कि रितु को अमीर बनने का शौक था और वह उस पर जल्द पैसे कमाने का दबाव डालती थी। चूंकि, अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक का मामला गत वर्ष ही सामने आया था, इसलिए रितु के दिमाग ने करोड़ों की कमाई की साजिश रची।

भेद नहीं खुलता तो मिलते 4.20 करोड़
अगर पेपर लीक प्रकरण सामने नहीं आता तो संजीव एवं रितु को पूरे अगले 15 दिन के भीतर चार करोड़ 20 लाख रुपये मिल जाते। एसटीएफ की जांच में खुद संजीव ने बताया कि प्रति अभ्यर्थी 12 लाख रुपये में डील फाइनल हुई थी। पेपर लेने के दो दिन बाद रामपाल ने बताया कि 35 अभ्यर्थियों से डील हो गई है। जिस पर उसने रामपाल को बताया कि 4.20 करोड़ रुपये रितु तक तय समय तक पहुंचा दे।

हालांकि, प्रकरण का भेद खुल गया और नकल माफिया को एसटीएफ ने दबोच लिया। संजीव ने कहा कि उसे यह नहीं पता कि रामपाल ने कुल कितने अभ्यर्थियों को पेपर बेचा व कितने में सौदा किया। रामपाल ने उसे सिर्फ 35 अभ्यर्थियों की संख्या बताई थी। रामपाल व अन्य आरोपितों को एसटीएफ रिमांड पर लेने की तैयारी कर रही।

ढाई लाख रुपये लगा दिए ठिकाने
एडवांस में मिले 25 लाख रुपये में से ढाई लाख रुपये रितु व संजीव ने पांच दिन में ठिकाने भी लगा दिए। एसटीएफ ने उनके कब्जे से साढ़े 22 लाख रुपये बरामद किए थे। ढाई लाख रुपये से उन्होंने घर का कुछ महंगा सामान खरीदा व सैर-सपाटा किया।

क्राइम थ्रिलर देखने की शौकीन है रितु
एसटीएफ की जांच में यह भी पता चला है कि रितु चतुर्वेदी क्राइम थ्रिलर देखने की शौकीन है। वह लंबे समय से क्राइम पेट्रोल सीरियल देखती आ रही। इतना ही नहीं वह क्राइम व सस्पेंस से जुड़ी वेबसीरीज देखने की भी शौकीन है। इसमें न सिर्फ बालीवुड बल्कि हालीवुड की फिल्में और वेबसीरीज भी शामिल हैं।

एक-दूसरे पर मढ़ रहे आरोप
गिरफ्तारी के बाद दंपती संजीव एवं रितु एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाते रहे। एसटीएफ ने गुरुवार रात दोनों से तकरीबन सात घंटे पूछताछ की। पहले अलग-अलग कमरों में बैठाकर सवाल पूछे गए, फिर इन दोनों को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ की गई।

पूछताछ के दौरान संजीव ने बताया कि पूरा षडय़ंत्र रितु ने रचा, जबकि रितु उसका विरोध करती रही। रितु ने कहा कि उसे पति संजीव ने फंसाया है। वह यह तक झूठला रही उसे पूरे मामले की भनक थी। कहा कि संजीव ने उसके मोबाइल जानबूझकर पेपर चुराने में इस्तेमाल किया, ताकि संजीव इस मामले में न फंसे।

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