जोशीमठ में होटल माउंट व्यू और मलारी इन को डिस्मेंटल करने का काम जारी है। वहीं आज लोक निर्माण विभाग के गेस्ट हाउस को भी ध्वस्त किया जाएगा। विभिन्न संस्थाओं के वैज्ञानिकों द्वारा आपदा प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया जा रहा है। सड़क से लेकर मोहल्लों के आम रास्तों व खेतों में लगाई जा रही मशीनें, जमीन के भीतर की हलचल का वैज्ञानिकों की टीमें पता लगा रही हैं।
जोशीमठ में भू-धंसाव नहीं रुक रहा है। अब तक शहर के 849 भवनों में दरारें आ चुकी हैं। वहीं, होटल माउंट व्यू और मलारी इन के बाद अब दो अन्य कॉमेट और स्नो क्रेस्ट होटलों में भी दरारें आई हैं। होटल आपस में मिलने लगे हैं। वहीं, तहसील भवनों के ऊपरी और निचले हिस्से में भी भू-धंसाव हो रहा है।
सीबीआरआई की ओर से इनकी मॉनीटरिंग की जा रही है। सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. सिन्हा ने बताया कि अगर ध्वस्तीकरण की जरूरत हुई तो इन्हें भी पूरी प्रक्रिया अपनाने के बाद ध्वस्त कर दिया जाएगा। सीबीआरआई ने मकानों पर क्रेकमीटर लगाए हैं। इससे दरारों की प्रवृत्ति का पता लगाया जा रहा है।
वहीं, लोक निर्माण विभाग का गेस्ट हाउस भी तिरछा हो गया है। यहां का पूरा भवन एक तरफ को धंस गया है। इसलिए प्रशासन ने इस पर ध्वस्तीकरण के लिए स्टीकर लगा दिया है। आज बुधवार को इसे डिस्मेंटल करने का काम शुरु होगा। यह पहला सरकारी भवन है जिस पर प्रशासन ने डिस्मेंटल का स्टीकर चस्पा कर दिया है। बताया कि कुछ घरों और जमीन पर आई दरारों में एक से दो मिलीमीटर की वृद्धि हुई है, लेकिन नए घरों में दरारें नहीं आई हैं। वहीं, पानी का रिसाव भूमि के अंदर न हो इसके लिए खेतों की दरारों को भरने का काम भी जारी है।
उधर, जोशीमठ में मौसम खराब है। शहर में जारी राहत अभियानों और अध्ययन के लिए आने वाले चार दिन मुश्किल भरे हो सकते हैं। मौसम विभाग ने 19, 20, 23 और 24 जनवरी को जोशीमठ, चमोली और पिथौरागढ़ में बारिश-बर्फबारी का अनुमान जताया है।
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