Uttarakhand: अब सस्ता होगा लोगों का घर बनाना, खनन सामग्री की दरें हुई कम, शासन ने किए आदेश जारी

उत्तराखंड देहरादून
सार

विस्तार

प्रदेश में नदियों और खनन पट्टों से उपखनिज शुल्क की दरें घटा दी गई हैं। जिससे खनन सामग्री रेता, बिजरी, पत्थर की कीमतें कम होंगी। जिससे लोगों का घर बनाना सस्ता होगा। निगमों एवं निजी नाम भूमि से उपखनिज शुल्क को लेकर शासन की ओर से आदेश जारी किया गया है।

शासन की ओर से विभिन्न दरों में एकरूपता का भी प्रयास किया गया है। इससे सरकारी निगमों के पट्टों से सामग्री के उठान से राजस्व में भी वृद्धि होगी। प्रदेश के वन क्षेत्रों की नदियों से उप खनिज का चुगान गढ़वाल मंडल विकास निगम और कुमाऊंमंडल विकास निगम के पास है।

इसके अलावा निजी नाम भूमि से भी रेता, बिजली, पत्थर आदि उप खनिजों का चुगान हो रहा है, लेकिन स्टांप शुल्क, जिला खनिज फाउंडेशन में अंशदान और क्षतिपूर्ति के नाम पर जो शुल्क लिया जा रहा था। उससे निगम क्षेत्र से रेता, बजरी, पत्थर की कीमत निजी नाप भूमि के पट्टों की तुलना में अधिक पड़ रही थी। 

क्षतिपूर्ति शुल्क को 15 प्रतिशत से कम कर 10 प्रतिशत किया

यही वजह थी कि वन विकास निगम की गौला, कोसी, दाबका, नंधौरा एवं अन्य नदियों से उप खनिज का उठान बहुत कम हो रहा था। जिससे लोगों को निर्माण सामग्री जहां महंगी दरों पर मिल रही थी। वहीं इससे सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा था। जिसे देखते हुए शासन की ओर से जिला खनिज फांडेशन के अंशदान को 25 प्रतिशत से घटाकर 15 प्रतिशत कर दिया गया है। जबकि क्षतिपूर्ति शुल्क को 15 प्रतिशत से कम कर 10 प्रतिशत किया गया है। इसके अलावा कुछ अन्य शुल्क भी कम किए गए हैं।

वन निगम की उपखनिज की दरों पहले अधिक थी, जबकि निजी की कम थी। शासन ने सभी जगह की दरों को एक जैसा करने का प्रयास किया है। इससे राजस्व बढ़ेगा और लोगों को सस्ती दरों पर उपखनिज मिले सकेगा। प्रति क्विंटल दरें छह से सात रूपए कम होंगी। – राहुल, वन विकास निगम के महाप्रबंधक

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