बर्फबारी के चलते ध्वस्तीकरण रुका, बढ़े खतरे वाले भवन, मलबे के ढेर में बदल रहा जोशीमठ

उत्तराखंड चमोली

जोशीमठ: भूधंसाव के चलते जोशीमठ में खतरे वाले भवनों की संख्या लगातार बढ़ रही है। वहीं शुक्रवार को जोशीमठ में बर्फबारी हुई, जिसके चलते ध्‍वस्‍तीकरण का कार्य रोका गया।

हालात को देखते हुए प्रशासन के पास इन भवनों को तोड़ने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। ऐसे में जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने गुरुवार को एक और रिहायशी भवन को तोड़ने का आदेश जारी कर दिया। सुनील वार्ड में स्थित इस भवन को रुड़की स्थित केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआइ) के विज्ञानियों ने असुरक्षित घोषित कर तोड़ने की संस्तुति की थी। भवन स्वामी दिनेश लाल ने ध्वस्तीकरण के लिए लिखित सहमति दे दी है। फिलहाल, वह परिवार समेत राहत शिविर में रह रहे हैं।

जोशीमठ में असुरक्षित भवनों को चिह्नित करने के साथ ही खतरा बने भवनों का ध्वस्तीकरण भी तेजी से किया जा रहा है। इस कड़ी में लोक निर्माण विभाग के गेस्ट हाउस को अब जेसीबी से ध्वस्त किया जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि यह कदम सुरक्षा व्यवस्था का अच्छी तरह आकलन करने के बाद उठाया गया।

गेस्ट हाउस को जेसीबी से ध्वस्त करने से पहले विशेषज्ञों ने इस बात का अध्ययन किया कि इससे आसपास के किसी भवन को नुकसान न पहुंचे। यह भी देखा गया कि इस प्रक्रिया से क्षेत्र की भूमि को कोई हानि न हो। शाम तक गेस्ट हाउस का अधिकांश हिस्सा ध्वस्त किया जा चुका था। इससे पहले बुधवार को गेस्ट हाउस से खिड़की-दरवाजे और उनकी चौखट यांत्रिक तरीके से हटाए गए थे।

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