जोशीमठ का सीमित क्षेत्र आपदा से प्रभावित, पूरे उत्तराखंड के पर्यटन पर नहीं पडऩा चाहिए इसका प्रभाव: मुख्यमंत्री धामी

उत्तराखंड देहरादून

देहरादून: जोशीमठ में भूधंसाव के प्रभाव का दायरा भले ही सीमित हो, लेकिन प्रदेश के पर्यटन पर इसका प्रभाव दिखने लगा है। जोशीमठ के निकटस्थ स्कीईंग के लिए अंतरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त औली में पर्यटकों ने आनलाइन बुकिंग निरस्त कराई है।

पहाड़ों की रानी मसूरी और नैनीताल में भी इसका असर देखा जा रहा है। जोशीमठ को छोड़कर पूरे प्रदेश के पर्यटन की छवि पर पड़ रहे प्रभाव ने सरकार के माथे पर बल डाल दिए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि जोशीमठ का सीमित क्षेत्र आपदा से प्रभावित है, लेकिन इसे भयावह बताने का असर पूरे उत्तराखंड के पर्यटन पर नहीं पडऩा चाहिए।

जोशीमठ आपदा को सोशल मीडिया पर जिस तरह से प्रचारित किया जा रहा है। उससे पर्यटक बुकिंग रद करा रहे हैं। जोशीमठ को छोड़कर उत्तराखंड में सभी पर्यटक स्थल सुरक्षित हैं। आपदा से निश्चित रूप से शीतकालीन पर्यटन पर असर पड़ा है। सरकार औली में होने वाले शीतकालीन खेलों को संपन्न कराने का भी प्रयास कर रही है।
– सतपाल महाराज, पर्यटन मंत्री

‘कुछ लोग इंटरनेट मीडिया के माध्यम से पूरे उत्तराखंड की स्थिति को बहुत भयावह बना रहे हैं। यह बताया जा रहा है कि उत्तराखंड खतरे में है। इस तरह स्थिति बनाने से नकारात्मक संदेश जा रहा है। पर्यटकों और श्रद्धालुओं के बीच अच्छा संदेश नहीं जा रहा है। ऐसे व्यक्तियों से अनुरोध है कि ऐसी बातों का प्रचार-प्रसार न करें।’ -पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री उत्तराखंड

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