हल्द्वानी: हल्द्वानी जेल में बंद आइटीआइ गैंग के सदस्य व एएसआइ के बीच हाथापायी हो गई। दोनों ने एक-दूसरे को थप्पड़ जड़ दिए। इससे जेल परिसर में अफरा-तफरी मच गई। जेल अधीक्षक व अन्य कर्मियों ने बीचबचाव किया। पुलिस ने मामले में आइटीआइ गैंग के सदस्य देवेंद्र बिष्ट पर सरकारी कार्य में बाधा डालने, मारपीट, गालीगलौज व जान से मारने की धारा में प्राथमिकी की है।
एएसआइ मनोज सिंह कार्की ने पुलिस को बताया कि वह रुद्रपुर पुलिस लाइन में तैनात हैं। बुधवार को वह टीम के साथ हल्द्वानी जेल में मुल्जिम ड्यूटी पर आए थे। ऊधम सिंह नगर कोर्ट से संबंधित बंदियों के पास मौजूद सामग्री की गार्ड एंड एस्कोर्ट रूल के तहत चेकिंग की जा रही थी। इस बीच एक बंदी अतिरिक्त सब्जी व पूरी लेकर गेट पर पहुंचा तो उन्होंने इसे नियम विरुद्ध बताते हुए अतिरिक्त सब्जी-पूरी ले जाने पर मना कर दिया।
जेल में बंद हल्द्वानी निवासी देवेंद्र बिष्ट पुत्र बलवीर सिंह ने उनका विरोध करना शुरू कर दिया। देवेंद्र ने अभद्रता की तो उन्होंने एक थप्पड़ जड़ दिया। इस पर आरोपित ने भी उनसे मारपीट कर दी। खुद को आइटीआइ गैंग का सदस्य बताने वाले देवेंद्र ने अन्य पुलिस कर्मियों से भी गालीगलौज कर सरकारी कार्य में बाधा डाली। जिससे अन्य बंदियों की सुरक्षा खतरे में पड़ गई। जेल से बाहर निकलने पर आरोपित ने देख लेने व जान से मारने की धमकी दी। कोतवाल हरेंद्र चौधरी ने बताया कि आरोपित पर प्राथमिकी कर ली है।
शहर में गुंडागर्दी कर लोगों पर रौब दिखाने वाला आइटीआइ गैंग जेल के अंदर भी अराजकता पर उतर आया है। तीन सदस्य अभी जेल में बंद हैं। जबकि एक नैनीताल जेल शिफ्ट हो चुका है। जमानत पर छूटे सदस्यों ने जेल में बंद रहने के दौरान माहौल बिगाड़ने की कई बार कोशिश की, लेकिन जेल प्रशासन की सख्ती के आगे झुकना पड़ा।
एमबीजीपी कालेज में एबीवीपी के एक पदाधिकारी पर जानलेवा हमला कर आइटीआइ गैंग सबसे ज्यादा सुर्खियों में आया था। तब पुलिस ने 25 सदस्यों पर हत्या के प्रयास में प्राथमिकी की। एसएसपी पंकज भट्ट ने माहौल खराब करने वाले तकरीबन 15 सदस्यों को गिरफ्तार कर जेल भिजवाया।
कोर्ट ने भी इनकी जमानत अर्जी खारिज कर दी थी। दिसंबर में आइटीआइ गैंग के एक सदस्य को नैनीताल शिफ्ट किया गया। उस पर जेल में एक बंदी से मारपीट का आरोप था। वहीं बुधवार को गैंग के सदस्य देवेंद्र बिष्ट ने रुद्रपुर पुलिस लाइन में तैनात एएसआइ मनोज सिंह कार्की से अभद्रता कर हाथापायी कर दी।
जेल प्रशासन के अनुसार गैंग के अधिकांश सदस्य जमानत पर छूट गए हैं। तीन अभी भी जेल के अंदर बंद हैं। आइटीआइ गैंग में अधिकांश अराजक तत्व युवा हैं। जिनकी उम्र 16 से 32 साल तक है। गैंग बनाकर ये किसी पर भी टूट पड़ते हैं। इन्हें न तो अपने स्वजन की बदनामी का डर रहता और न ही पुलिस कार्रवाई का।
हत्या के प्रयास का है आरोपित
हल्द्वानी जेल में बंद आइटीआइ गैंग का सदस्य देवेंद्र हत्या के प्रयास का आरोपित है। जेल के अंदर उसने कानून को अपने हाथ में लिया। 22 अगस्त को गैंग ने एमबीपीजी कालेज में एबीवीपी कार्यकर्ता शिवम पर जानलेवा हमला किया था।
15 दिन मुलाकात पर रोक देवेंद्र बिष्ट के विरुद्ध जेल प्रशासन ने कड़ा एक्शन लिया है। उसकी मुलाकात पर 15 दिन तक रोक लगाई है। साथ ही पीसीओ आफिस (टेलीफोन डयूटी) से भी उसे हटा दिया गया है।
जेल अधीक्षक सतीश सुखीजा ने इस मामले पर बताया कि जेल का माहौल खराब नहीं होने दिया जाएगा। सभी अपराधियों की रोजाना काउंसलिंग की जाती है। एएसआइ से मारपीट करने वाले के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई की गई है।
I am not sure where you’re getting your information, but good topic. I needs to spend some time learning more or understanding more. Thanks for fantastic information I was looking for this information for my mission.