अमर उजाला समर्पण और सम्मान समारोह: राज्यपाल ने उत्तराखंड के प्रख्यात चिकित्सकों को किया सम्मानित

उत्तराखंड देहरादून

सार

विस्तार

अमर उजाला समर्पण और सम्मान समारोह में प्रदेश के प्रख्यात चिकित्सकों को राज्यपाल लेफि्टनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि.) ने सम्मानित किया। राज्यपाल ने कहा कि कोरोना काल में अपनी सेवा और समर्पण से डाक्टरों ने यह साबित कर दिया कि चिकित्सा का पेशा नि:संदेह भगवान का वरदान है। कोराना काल में हम सब ने डाक्टरों को भगवान के रूप में देखा है। मानवसेवा में अपने संपूर्ण समर्पण भाव से लगे डाक्टरों का सम्मान हमारा कर्तव्य है। अमर उजाला ने यह पुण्य कार्य किया है। कहा कि एलोपैथ के साथ ही आयुर्वेद, ध्यान, योग, नेचुरोपैथी और वैकल्पिक चिकित्सा को भी हमें एक समान सम्मान देना होगा।

अमर उजाला की ओर से बृहस्पतिवार को चिकित्सा के क्षेत्र में अतुलनीय कार्य करने वाले डाॅक्टरों को सम्मानित करने के लिए अमर उजाला समर्पण और सम्मान समारोह का आयोजन होटल सैफरॉन में किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि प्रदेश के राज्यपाल लेफि्टनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि.) रहे। इस मौके पर राज्यपाल ने कहा कि दुनिया के कई बड़े देश जो चिकित्सा के क्षेत्र में हमसे काफी आगे हैं, कोरोना काल में फेल हो गए। हालांकि, भारत ने खुद को योद्धा साबित किया। यह सब हमारे डाॅक्टरों के कारण संभव हुआ। चुनौती अभी खत्म नहीं हुई है, हमें चिकित्सा क्षेत्र में तकनीक का प्रयोग बढ़ाना होगा। ताकि, भविष्य के संकटों से आसानी से उबरा जा सके। इससे पूर्व अमर उजाला के स्थानीय संपादक दयाशंकर शुक्ल ने राज्यपाल का आभार जताया।

भारत में करुणामयी है डॉक्टरी का पेशा
राज्यपाल ने कहा कि दुनिया के कई देशों में हमसे बेहतर चिकित्सक हैं। लेकिन, करुणा, प्रेम और सद्भावना हमारे यहां के डाॅक्टरों के व्यवहार में शामिल होकर इस पेशे को बहुत पवित्र बना देती है। दुनिया के किसी भी देश में डाॅक्टरी का पेशा इतना करुणामयी नहीं है।

टैग का मतलब प्रोत्साहन
राज्यपाल ने कहा कि टैग का असली मतलब है प्रोत्साहित करना। हमें अच्छा काम करने वालों को प्रोत्साहित करना चाहिए। अमर उजाला ने यह काम किया है। अमर उजाला के इस प्रयास से मेरी नजर में उसके प्रति सम्मान और बढ़ गया है। सम्मानित करने के इस जश्न में हमें उन डाॅक्टरों को भी शामिल करना चाहिए जो यहां मौजूद तो नहीं हैं। खासकर नर्सों और पैरामेडिकल स्टाफ का, जिसने कोरोना काल में अपनी जान की बाजी लगाकर इंसानियत को बचाने का काम किया।

स्वच्छता का पाठ पढ़ाया
राज्यपाल ने कहा कि कोरोना में कुछ विसंगतियां भी देखी गईंं। उपचार के नाम पर बढ़ी हुई फीस, एंबुलेंस के लिए अधिक कीमतें वसूल करने के मामले सामने आए तो पार्थिव शरीर को इज्जत नहीं देने के भी केस आए। इस स्थिति से बचना है। कहा कि कोरोना ने हमें स्वच्छता का नया पाठ पढ़ाया। 

अमर उजाला समर्पण एवं सम्मान कार्यक्रम में सम्मानित डॉक्टर
प्राे. हेमचंद्र
हेमवती नंदन बहुगुणा उत्तराखंड चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय के कुलपति प्राे. हेमचंद्र ने चिकित्सा क्षेत्र में कई शोध कार्य किए। कोविड महामारी के दौरान संक्रमण रोकथाम के लिए सरकार को सलाह व सुझाव देते रहे। उन्हें चिकित्सा सेवा के क्षेत्र में उत्तराखंड गौरव सेवा रत्न अवार्ड, एएचए रत्न पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है।

डॉ. विशाल कौशिक
राजकीय दून मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. विशाल कौशिक ने 2010 में रोहतक मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी की। बरेली से पीजी कोर्स किया। इसके बाद 2017 से दून मेडिकल कॉलेज में नियुक्ति मिली। बाल रोग विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. कौशिक ओपीडी में भी लगातार सेवाएं देते हैं।

डॉ. सरोज नैथानी
डॉ. सरोज नैथानी स्वास्थ्य विभाग में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के पद पर तैनात हैं। वह मिशन के तहत केंद्र व राज्य सरकार की स्वास्थ्य योजनाओं और कार्यक्रमों का लाभ गांव-गांव तक पहुंचाने के लिए काम कर रही हैं।

प्रो. सुनील जोशी
उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुनील जोशी आयुर्वेद पद्धति में मर्म चिकित्सा के जाने माने विशेषज्ञ हैं। 40 साल के लंबे शोध के बाद उन्होंने मर्म चिकित्सा में विशेषज्ञता हासिल की है। मर्म चिकित्सा से कई मरीजों को ठीक कर चुके हैं।

डॉ. पंकज सिंह
स्वास्थ्य विभाग में संक्रामक रोग रोकथाम कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. पंकज सिंह संक्रामक रोगों की रोकथाम के लिए लोगों को जागरूक कर रहे हैं। वर्तमान में कोविड कंट्रोल रूम के प्रभारी का काम भी देख रहे हैं।

डॉ. शैलेंद्र पांडे
होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ. शैलेंद्र पांडे वर्तमान में होम्योपैथिक मेडिसिन बोर्ड के रजिस्ट्रार पद तैनात है। इस जिम्मेदारी को निभाने के मरीजों को सेवाएं भी दे रहे हैं। कोविड महामारी के दौरान रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए होम्योपैथी दवाईयां लोगों तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई।

डॉ. संतोष कुमार
डॉ. संतोष कुमार एम्स ऋषिकेश में फैमिली फिजिशियन के पद तैनात है। एम्स में उपचार के लिए आने वाले मरीजों को परामर्श और उपचार के लिए हर समय उपलब्ध रहते हैं।

डॉ. अंशुमान दरबारी
डॉ. अंशुमान दरबारी एम्स ऋषिकेश में कार्डिक फोरेंसिक विभागाध्यक्ष हैं। कार्डिक फोरेंसिक सर्जरी में उनकी विशेषज्ञता है। उन्होंने कई जटिल और गंभीर सर्जरी कर मरीजों को ठीक किया है।

डॉ. केसर सिंह चौहान
डॉ. केसर सिंह चौहान बाल रोग विशेषज्ञ है। वर्तमान में सहायक प्रभारी उप जिला अस्पताल विकासनगर में तैनात है। इससे कई जिलों में सीएमओ रह चुके हैं।

डाॅ. स्वाति रंजन, सुनंदा मेडिकल सेंटर
महिला रोगों के उपचार में विशेषज्ञता प्राप्त।

डाॅ. एनएस रावत, सिटी न्यूरो स्पाइन हाॅस्पिटल
-मानसिक रोगों के उपचार में उत्कृष्ट कार्य किया।

डाॅ. विशाल कौशिक, बाल रोग विशेषज्ञ, दून मेडिकल काॅलेज
-शिशु रोग चिकित्सा के क्षेत्र में सराहनीय योगदान।

डाॅ. वरूण सरीन, त्वचा रोग विशेषज्ञ
-कासमो डर्मा स्किन, हेयर एंड लेजर सेंटर

डाॅ. रनवीर सिंह चौहान, मैनेजिंग डायरेक्टर पनेशिया हाॅस्पिटल
-चिकित्सा और शोध के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान।

डाॅ. आशुतोष माथुर, जनरल फिजीशियन, प्रेम सुख हाॅस्पिटल
-सामान्य चिकित्सा के क्षेत्र में बेहतर कार्य के लिए।

डाॅ. ललित चौधरी, आयुर्मेक्स हाॅस्पिटल
-उदर रोगों के क्षेत्र में बेहतर कार्य के लिए।

डाॅ. अश्वनी कांबोज, उत्तरांचल आयुर्वेद काॅलेज एंड हाॅस्पिटल
-आयुर्वेद के क्षेत्र में बेहतर कार्य के लिए।

निशिथ सक्सेना, इंस्प्रेसन स्टडी सर्किल
-शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिए।

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