उत्तर प्रदेश के माफिया अतीक अहमद का एक समय उत्तराखंड में भी दखल रहा था। दरअसल, अतीक अहमद की गैंग से जुड़े गुर्गों ने 17 साल पहले मुनिकीरेती में कार सवार सुनारों से हथियारों के बल पर लाखों के जेवर और नकदी लूटी थी। पुलिस ने उस समय डकैती का मुकदमा दर्ज किया था। साथ ही सभी बदमाशों की गिरफ्तारी कर कुछ जेवर और नकदी भी बरामद की थी।
वहीं, अतीक की हत्या के बाद से उत्तराखंड में भी पुलिस अलर्ट मोड पर है। प्रयागराज निवासी माफिया अतीक अहमद के नाम का इतना खौफ था कि उसका नाम उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि अन्य राज्यों में गूंजता था। उसकी गैंग से जुड़े लोग उत्तर प्रदेश के साथ ही अन्य राज्यों में भी वारदात को अंजाम देते थे। उत्तराखंड पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि उत्तराखंड में उसके नाम और खौफ की गूंज पहली बार 2006 में सुनाई दी थी।
दरअसल, माफिया अतीक अहमद की गैंग से जुड़े गुर्गों ने फर्जी सेल टैक्स अधिकारी बनकर मुनिकीरेती में डकैती डाली थी। गुर्गों ने डकैती उस समय डाली थी, जब रुद्रप्रयाग से कार सवार कुछ सुनार सोने-चांदी के जेवर लेकर ऋषिकेश आ रहे थे। डकैती से पहले बदमाशों ने फर्जी सेल टैक्स अधिकारी की कार नंबर प्लेट और बत्ती का प्रयोग किया था।
इसी कार की वजह से वह आसानी से वारदात के बाद फरार हो गए थे। अधिकारी ने बताया कि डकैती का मुकदमा दर्ज करने के बाद पुलिस ने मामले की जांच की तो अतीक के गैंग से जुड़े गुर्गों के नाम की पुष्टि हुई थी।
जिसके बाद पुलिस ने प्रयागराज में दबिश देकर सभी बदमाशों की गिरफ्तारी की थी। साथ ही कुछ जेवर और करीब 70 हजार की नकदी बरामद की थी। साथ ही बदमाशों पर गैंगस्टर की कार्रवाई भी की गई थी।
वर्ष 2006 में जिस समय अतीक गैंग के गुर्गों ने मुनिकीरेती में डकैती डाली थी। उस समय अतीक का नाम सबसे बड़े माफियाओं में शामिल था। खासकर प्रयागराज में उसके नाम से बाहर की पुलिस भी वहां जाने से कतराती थी।
एक अधिकारी ने बताया कि जब अतीक गैंग का नाम डकैती में आया तो बड़े अधिकारियों के पसीने छूट गए थे और उन्होंने प्रयागराज में दबिश डालने को लेकर हाथ खड़े कर दिए थे। बाद में मुनिकीरेती के एसओ के नेतृत्व में टीम बनाकर दबिश देकर बदमाशों की गिरफ्तारी की गई।