जो था आखिरी वह बन गया देश का पहला गांव, चीन सीमा पर माणा की बदली पहचान

उत्तराखंड देहरादून

देहरादून: समुद्रतल से लगभग 10 हज़ार फीट की ऊंचाई पर स्थित चमोली जिले में स्थित उत्तराखंड का सीमांत गांव ‘माणा’ अब देश का अंतिम गांव नहीं, बल्कि पहला गांव हो गया है। पिछले वर्ष 21 अक्टूबर को उत्तराखंड यात्रा के दौरान माणा में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के द्वारा माणा गांव को देश का पहला गांव कहे जाने पर पीएम मोदी ने मुहर लगाई थी।

गत वर्ष पीएम मोदी ने सीमांत गांवों के बारे में कहा कि था कि ‘अब तो सीमा पर बसा हर गांव देश का पहला गांव है’। पहले जिन क्षेत्रों को सीमाओं का अंत मानकर नज़र अंदाज किया जाता था, हमने वहां से देश की समृद्धि मानकर विकास कार्यों का काम शुरू किया है। प्रधानमंत्री के इस कथन के अनुरूप अब सीमा सड़क संगठन(B.R.O) ने माणा गांव के प्रवेश द्वार पर देश के प्रथम गांव का साइन बोर्ड लगा दिया है।

चीन सीमा से सटा माणा गांव पर्यटकों के लिए है आकर्षण का केंद्र
बद्रीनाथ धाम से लगभग तीन किलोमीटर आगे चीन सीमा से सटा माणा गांव पर्यटकों के लिए हमेशा से आकर्षण का केंद्र रहा है। बद्रीनाथ धाम पहुंचने वाले तीर्थयात्री और पर्यटक, धाम के दर्शन के बाद माणा गांव को देखने पहुंचते हैं। पिछले वर्ष प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी उत्तराखंड यात्रा के दौरान माणा गांव के आकर्षित केंद्रों का लुफ्त उठाने पहुंचे थे। इस दौरान पीएम मोदी ने इस गांव में विभिन्न योजनाओं की शुरुआत की थी।

वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम से विकसित होगा उत्तराखंड
इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री की तारीफ करते हुए कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में देश का हर सीमावर्ती क्षेत्र वास्तव में और भी अधिक जीवंत हो रहा है। इसके लिए वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम की शुरुआत की गई है। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य सीमांत गांवों का विकास, ग्रामवासियों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार, स्थानीय संस्कृति, पारंपरिक ज्ञान व विरासत को बढ़ावा देकर पर्यटन क्षमता का विकास, समुदाय आधारित संगठनों, सहकारी समितियों और गैर सरकारी संगठनों के माध्यम से एक गांव एक उत्पाद की अवधारणा पर स्थायी पर्यावरण कृषि व्यवस्था विकसित करना है।

21वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का होगा- मोदी
वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम की कार्ययोजनाएं जिला प्रशासन ने ग्राम पंचायतों के सहयोग से तैयार की हैं। इससे जड़ी-बूटी, सेब, राजमा सहित अन्य उत्पादों को बढ़ावा मिलने के साथ ही विकास की संभावनाओं को पंख लगेंगे। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री का यह कथन कि 21वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का होगा, यह वाक्य उत्तराखंड वासियों को एक नए उत्साह व ऊर्जा से भर देता है। प्रधानमंत्री के विजन के अनुरूप उत्तराखंड को वर्ष 2025 तक हर क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाने के लिए विकल्प रहित संकल्प के मूलमंत्र को सरकार ने अपनाया है।