पिथौरागढ़: कुमाऊं मंडल विकास निगम (केएमवीएन) की ओर से संचालित आदि कैलास यात्रा चार मई से शुरू हो रही है। काठगोदाम से शुरू होने वाली आठ दिवसीय यात्रा के लिए पिथौरागढ़ जिले में पहले पड़ाव बूंदी को खोल दिया गया है। बूंदी में कर्मचारियों की तैनाती के साथ ही राशन और अन्य सुविधाएं सुनिश्चित की गई हैं।
हालांकि उच्च हिमालय क्षेत्र में लगातार वर्षा व हिमपात के चलते तीन अन्य पड़ाव गुंजी, नाभीढांग और ज्योलिंगकांग अभी शुरू नहीं किए गए हैं। आदि कैलास होते हुए चीन सीमा लिपुलेख तक जाने वाली सड़क पर मलबा आने के चलते कर्मचारी वहां तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। ऐसे में यात्रा की तिथि को लेकर भी अब संशय बन गया है।
केएमवीएन के तय कार्यक्रम के अनुसार आदि कैलास यात्रा का पहला दल पांच मई को आधार शिविर धारचूला (पिथौरागढ़) पहुंचेगा। आधार शिविर को फूलों से सजाया जाएगा। पांच मई को आधार शिविर पहुंचने वाले पहले दल के 19 यात्रियों में 17 गुजरात से और एक-एक दिल्ली व उत्तर प्रदेश से हैं। उच्च हिमालय में यात्रियों के स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को देखते इस वर्ष गुंजी और ज्योलिंगकांग में दो डाक्टरों की तैनाती की गई है।
कुमाऊं मंडल विकास निगम 1994 से आदि कैलास यात्रा आयोजित कर रहा है। पिथौरागढ़ की जिलाधिकारी रीना जोशी ने बताया कि क्षेत्र में मौसम की पूरी रिपोर्ट शासन को भेजी गई है। यात्रा को लेकर शासन से दिशा निर्देश का इंतजार किया जा रहा है। शासन से यात्रा आयोजन की अनुमति नहीं मिलने पर यात्रा कुछ समय के लिए स्थगित की जाएगी।
कैलास यात्रा मार्ग बंद, चीन सीमा का संपर्क भंग कैलास मानसरोवर यात्रा मार्ग (तवाघाट-गर्बाधार-लिपुलेख) गर्बाधार से लगभग दो किमी आगे चट्टान तोड़ने के लिए किए गए बारूदी विस्फोट से बंद हो गया है। बीआरओ यहां सड़क चौड़ीकरण के लिए चट्टान तोड़ने का कार्य कर रहा है। सोमवार शाम से ही मार्ग बंद होने से चीन सीमा का संपर्क भंग है।
मार्ग बंद होने से चीन सीमा पर स्थित व्यास घाटी के सात गांव बूंदी, गर्ब्यांग, नपलच्यु, गुंजी, नाबी, रोंगकोंग, कुटी सहित आदि कैलास, ओम पर्वत का संपर्क भंग है। साथ ही, लगातार वर्षा और हिमपात होने से जल्द मार्ग खुलने के आसार भी नहीं दिख रहे। वहीं, पहला दल भी धारचूला पहुंचने के बाद इसी मार्ग से आदि कैलास को रवाना होगा।
मौसम पर नजर, शासन से निर्देश का इंतजार तीन दिन से जारी वर्षा व हिमपात के बाद आदि कैलास यात्रा की संचालन तिथि पर भी असर पड़ सकता है। भारी वर्षा से यात्रा मार्ग पर भूस्खलन की आशंका बनी हुई है। तवाघाट से गुंजी तक भूस्खलन की आशंका अधिक रहती है। गुंजी से ऊपरी इलाके में लगातार हिमपात हो रहा है। क्षेत्र में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। मौसम विभाग ने बुधवार को भी ऊंचाई वाले इलाकों में हिमपात और निचले इलाकों में वर्षा की संभावना जताई है।