ऋषिकेश। जी-20 शिखर सम्मेलन की दूसरी बैठक के लिए उत्तराखंड पहुंचे विदेशी मेहमानों ने गंगा तट पर आध्यात्मिक वातावरण में रात्रि भोज का लुत्फ उठाया। विदेशी मेहमानों को शुद्ध शाकाहारी भोजन परोसा गया, जिसमें खास तौर पर उत्तराखंड के पारंपरिक व्यंजनों का समावेश किया गया।
मेहमानों ने जहां सिलबट्टे पर पिसी नूण (नमक) के स्वाद के साथ सोडा पानी व बुरांस के फूलों से बनी चाय की चुस्कियां ली। वहीं झंगोरे की खीर और भट की चटपटी चटनी का स्वाद मेहमानों को अपना मुरीद कर गया। उत्तराखंड में जी-20 भ्रष्टाचार रोधी कार्य समूह की दूसरी बैठक 25 से 27 मई को नरेंद्रनगर में आयोजित हो रही है।
इस बैठक से पूर्व बुधवार को विदेशी मेहमानों के लिए परमार्थ निकेतन में गंगा आरती तथा रात्रि भोज का कार्यक्रम आयोजित किया गया था। गंगा आरती के पश्चात परमार्थ निकेतन गंगा तट पर ही रात्रिभोज के लिए विशाल वातानुकूलित पंडाल तैयार किया गया था। इस पंडाल में 250 मेहमानों के लिए बैठने और भोजन की व्यवस्था की गई थी। गंगा तट पर दिव्यता और भव्यता के साथ आध्यात्मिक वातावरण में सहभोज का कार्यक्रम मेहमानों को मंत्रमुग्ध करने वाला था।
उत्तराखंड के पारंपरिक व्यंजनों ने जीता विदेशी मेहमानों का दिल
जी-20 के मेहमानों के भोजन व्यवस्था की जिम्मेदारी प्रतिष्ठित ताज समूह को सौंपी गई थी। ताज होटल ऋषिकेश के एक्जीक्यूटिव सेफ राकेश राणा के निर्देशन में विदेशी मेहमानों के लिए लजीज भारतीय शाकाहारी भोजन यहां तैयार किया गया। जिसमें 150 से अधिक व्यंजन शामिल थे। इस भोज में विशेष रूप से उत्तराखंड के पारंपरिक व्यंजनों को बेहतरीन ढंग से प्रस्तुत किया गया।
खास बात यह रही कि उत्तराखंड के पारंपरिक व्यंजनों को पारंपरिक अंदाज में ही पारंपरिक बर्तनों पर परोसा गया। काफली, फाणू, भट की चुटकानी, झंगोरे की खीर, पल्लर, बाल मिठाई, सिंगोरी, कोदे की रोटी और कुकीज विदेशी मेहमानों को खूब भाए। इसके अलावा भारत के विभिन्न प्रांतों के पारंपरिक व्यंजन भी मेहमानों को परोसे गए। जिसमें अवधि और पंजाबी भोजन खास तौर पर शामिल किया गया। विदेशी मेहमानों के लिए कुछ चायनीज व इटेलियन भोज भी रखा गया था। मगर, अधिकांश मेहमानों ने भारतीय भोजन को ही पसंद किया।
मोटा अनाज से बने पकवान रहे आकर्षण
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने भारत की ओर दिए गए प्रस्ताव पर वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष घोषित किया है। जी-20 सम्मेलन के मेहमानों को ऋषिकेश में दिए गए रात्रिभोज में मोटा अनाज को विशेष रूप से शामिल किया गया। इसके लिए डायनिंग हाल में अलग से एक मिलेट काउंटर तैयार किया गया था। जिसमें पांच से छह तरह के मिलेट की ही व्यंजन थे। विदेशी मेहमानों को एक खास मिलेट बाउल परोसा गया, जिसमें कोदा, बाजरा, रागी, कुट्टु, सांवा आदि से खास पेय तैयार किया गया था।
मॉकटेल में लगा पहाड़ी तड़का
जी-20 के मेहमानों को दिए गए रात्रिभोज में एक विशेष काउंटर ड्रिंक व माकटेल का भी बनाया गया था। विशेष बात यह रही कि ड्रिंक और मॉकटेल में भी पहाड़ी जायका इस्तेमाल किया गया। इस काउंटर पर पल्लर, बुरांस का जूस, बुरांस की चाय, सिलबट्टे पर पिसी पहाड़ी नूण के स्वाद से घुला सोडा पानी आकर्षण का केंद्र रहा। विदेशी मेहमानों को अल्मोड़ा की प्रसिद्ध बाल मिठाई, टिहरी की सिंगोरी, आगराखाल की रबड़ी के साथ मंडवे से बने कुकीज भी परोसे गए, जो विदेशी मेहमानों ने खूब पसंद किए।