राजाजी टाइगर रिजर्व: पार्क की झोली भर गया सीजन, पांच माह के लिए गेट बंद; अब 15 नवंबर को खुलेगा राजाजी

उत्तराखंड देहरादून

रायवाला : एशियाई हाथियों के लिए मशहूर राजाजी टाइगर रिजर्व की पर्यटक रेंजों के गेट सैलानियों के लिए बंद हो गए हैं। अब यह 15 नवंबर को खुलेंगे। सैलानियों को यहां जंगल सफारी का लुत्फ उठाने के लिए पांच महीने का इंतजार करना होगा। इस बार के सीजन में राजाजी पार्क की झोली भरकर आमदनी हुई।

राजाजी टाइगर रिजर्व की चीला व मोतीचूर रेंज पर्यटकों की पसंदीदा सैरगाह है। इस बार चीला रेंज में सर्वाधिक 20610 पर्यटक आए, जिनसे 5035000 का राजस्व प्राप्त हुआ। जबकि 2021-22 में 19664 पर्यटक आए जिनसे 47 लाख 65 हजार रुपये की आमदनी हुई थी। यानि इस बार करीब तीन लाख रुपये ज्यादा आमदनी हुई।

पिछले सीजन में कुल 216 विदेशी पर्यटक आये थे जबकि इस बार इनकी संख्या 600 रही। चीला के रेंज अधिकारी शैलेश घिल्डियाल ने बताया कि चीला में हर साल मेहमानों की संख्या बढ़ रही हैं।

मानसून में प्रकृति को नवीनीकरण का अवसर मिलता है। पांच महीने बाद जब फिर से गेट खुलेंगे तो पर्यटकों को प्रकृति में कई नए नजारे देखने को मिलेंगे। वहीं मोतीचूर रेंज की बात करें तो यहां 2018-19 में 12,27100 रुपये, 2019-20 में 3,17900 रुपये, 2020-21 में 101500 रुपये व 2021-22 में 15,23,664 रुपये का राजस्व मिला। इस सीजन में यहां राजस्व घटा है और सिर्फ 13 लाख 73 हजार रुपये की आमदनी हुई। मोतीचूर में राजस्व घटने का कारण पर्यटक सुविधाओं का अभाव और फ्लाईओवर बनने से गेट तक पहुंचने का रास्ता असुविधाजनक होना माना जा रहा है।

प्राकृतिक सुंदरता का खजाना है राजाजी टाइगर रिजर्व

  • राजाजी टाइगर रिजर्व जैव विविधता व प्राकृतिक सुंदरता का खजाना है।
  • यह विभिन्न तरह के वन्य जीवों की दुनिया से संपन्न है।
  • पार्क में हाथी, गुलदार, हिरन, चीतल, सांभर, मोर के अलावा कई उन वन्य जीवों व पक्षियों को भी देखा जा सकता है, जो लुप्त होती प्रजाति की श्रेणी में हैं।
  • मुख्य रूप से हाथी संरक्षण के लिए प्रसिद्ध राजाजी पार्क में अब टाइगर भी अच्छी खासी संख्या में मौजूद हैं।
  • यहां बहने वाली गंगा, सौंग व दूसरी छोटी नदियों के तट पर प्रवासी पक्षी भी बड़ी संख्या में पहुंचते हैं।
  • इस विविधता को करीब से देखने के लिए बड़ी संख्या में पर्यटक यहां पहुंचते हैं।

मार्च से लेकर जून तक पीक सीजन
राजाजी पार्क का पर्यटन सीजन 15 नवंबर से शुरू होकर 15 जून तक रहता है। जबकि गौहरी रेंज स्थित विश्व प्रसिद्ध चौरासी कुटी साल भर पर्यटकों के लिए खुली रहती है। वैसे तो यहां पूर सीजन पर्यटक यहां आते हैं, लेकिन मार्च से लेकर जून तक पर्यटन का कारोबार चरम पर होता है।

पार्क निदेशक डा. साकेत बडोला के मुताबिक राजाजी पार्क वन्यजीवों के संरक्षण में तो अहम भूमिका निभा ही रहा है, साथ ही पर्यटन में भी नए मुकाम हासिल कर रहा है।

सीतावनी जोन व कार्बेट फाल भी होगा बंद
कार्बेट के बिजरानी व गिरिजा जोन के साथ ही रामनगर वन प्रभाग का सीतावनी पर्यटन जोन भी 30 जून से पर्यटकों के लिए बंद हो जाएगा। साथ ही कालाढूंगी स्थित कार्बेट फाल, बराती रौ भी बंद हो जाएंगे।