गैंगस्टर यशपाल तोमर के खिलाफ 1800 पन्नों की चार्जशीट कोर्ट में दाखिल

उत्तराखंड देहरादून

गैंगस्टर और भूमाफिया यशपाल तोमर और उसके दो साथियों के खिलाफ एसटीएफ ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है। 1800 पन्नों की इस चार्जशीट में उस पर धोखाधड़ी, जालसाजी और अन्य गंभीर धाराओं में आरोप हैं। यशपाल तोमर पर आरोप है कि उसने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में लोगों को डरा धमकाकर लोगों की जमीनें अपने रिश्तेदारों के नाम की थीं।

इस तरह से वह 300 करोड़ रुपये से भी अधिक की संपत्ति का मालिक बन बैठा। पिछले साल ही दोनों राज्यों के प्रशासन ने उसकी इस संपत्ति को जब्त किया था। गौरतलब है कि गैंगस्टर यशपाल तोमर के खिलाफ दिसंबर 2021 में हरिद्वार के एक बड़े व्यापारी ने शिकायत की थी। व्यापारी को धमकाते हुए उनकी संपत्ति हड़पने की धमकी दी गई थी।

मामले में ज्वालापुर कोतवाली में मुकदमा दर्ज हुआ और एसटीएफ ने इसकी जांच शुरू की। एसटीएफ को पता चला कि यशपाल तोमर केवल हरिद्वार ही नहीं बल्कि बागपत और इसके आसपास के जिलों में भी इसी तरह के काम करता है।

उसके खिलाफ विभिन्न थानों में गंभीर धाराओं में कई मुकदमे दर्ज हैं। पिछले साल 29 जनवरी को गैंगस्टर यशपाल तोमर और उसके साथी गजेंद्र को गुरुग्राम से गिरफ्तार कर लिया गया। एसटीएफ ने उसकी संपत्तियों की जांच की तो यह 300 करोड़ रुपये से भी अधिक की पाई गईं। उत्तर प्रदेश में वह राज्य स्तर का भूमाफिया घोषित किया गया था। इसके बाद उसकी संपत्तियों को कुर्क करने की कार्रवाई शुरू की गई।

एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया कि भूमाफिया यशपाल तोमर के खिलाफ हरिद्वार के ज्वालापुर कोतवाली में गैंगस्टर के मुकदमे में चार्जशीट दाखिल कर दी गई है। इसमें गजेंद्र सिंह और धीरज ठिगानी को भी आरोपी बनाया गया है।

150 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त करने के लिए भेजी रिपोर्ट
उसकी 300 करोड़ रुपये की संपत्तियों में से लगभग आधी हरिद्वार जनपद में है। कुछ संपत्तियों को पहले जब्त किया जा चुका था। जबकि, अब भी करीब 150 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त करने के लिए जिलाधिकारी हरिद्वार को रिपोर्ट भेजी है। यशपाल तोमर इस वक्त हरिद्वार जेल में बंद है। जबकि, धीरज ठिगानी मेरठ जिला जेल में है। गजेंद्र मौजूदा समय में जमानत पर चल रहा है।

किसान से गैंगस्टर और भूमाफिया बन गया तोमर
यशपाल तोमर मूल रूप से बागपत जिले के रमाला थाना के बरवाला गांव का रहने वाला है। यशपाल तोमर पहले किसान था। उसके चार भाई और हैं। इन सभी के नाम पर कुल नौ बीघा जमीन थी। इसके बाद यशपाल तोमर ने एक पुलिस अधिकारी से सांठगांठ की और जमीनों पर कब्जे करने लगा। उसके खिलाफ उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में कुल 28 मुकदमे दर्ज हैं। ज्यादातर मुकदमे ब्लैकमेल और जमीन हड़पने संबंधी हैं।