पुरातन विभाग गोपीनाथ मंदिर के झुकने को लेकर इनकार कर रहा है। हालांकि विभाग का कहना है कि कुछ पत्थरों के धंसने की बात सामने आ रही है। इन पत्थरों को बदला जाएगा। साथ ही मंदिर में पानी टपकने को लेकर यहां के ड्रेनेज सिस्टम को सुधारा जाएगा।
गोपेश्वर के गोपीनाथ मंदिर के हकहकूकधारियों ने पुरातत्व विभाग और जिला प्रशासन से मंदिर के झुकने को लेकर पत्र भेजा था। जिसके बाद पुरातत्व विभाग की ओर से मंगलवार को संरक्षक सहायक को गोपेश्वर भेजा गया। उन्होंने मामले को लेकर प्राथमिक रिपोर्ट तैयार कर विभाग के उच्चाधिकारियों को भेज दी है। हालांकि विभाग ने रिपोर्ट का खुलासा तो नहीं किया, लेकिन मंदिर के झुकने की बात से विभाग इन्कार कर रहा है। हालांकि विभाग इस बात को स्वीकार कर रहा है कि मंदिर के कुछ पत्थर धंसे हुए हैं। जिनको बदला जाएगा। साथ ही मंदिर में पानी आने की जांच कर ड्रेनेज सिस्टम को सुधारा जाएगा।
कैनोपी निकालने से बनी आशंका
इन दिनों पुरातन विभाग की ओर से मंदिर के आगे के हिस्से में लगी पुरानी लकड़ी की कैनोपी बदली जा रही है। जिसके बाद मंदिर का स्वरूप कुछ बदला नजर आ रहा है। मंदिर के जिस जगह पर पत्थर धंसने की बात सामने आ रही है वह कैनोपी के पीछे का हिस्सा है। कैनोपी निकालने से यह हिस्सा खाली हो गया।
जल्द निरीक्षण को आएंगे अधीक्षण अभियंता
पुरातन विभाग के अधीक्षण अभियंता मनोज सक्सेना का कहना है कि मंदिर अपने पुराने स्वरूप में ही है। इसमें किसी तरह का कोई बदलाव नहीं हुआ है। कुछ पत्थरों के धंसने की बात सामने आ रही है। जल्द मंदिर का निरीक्षण किया जाएगा। जहां भी जरूरत होगी पत्थरों को बदला जाएगा। मंदिर के ड्रेनेज सिस्टम को भी सुधारा जाएगा। उनका कहना है कि कैनोपी निकालने के बाद मंदिर कुछ बदला नजर आ रहा है, इसलिए यह आशंका बनी है। मंदिर का पूरा निरीक्षण किया जाएगा। जो भी जरूरी होगा वह कदम उठाए जाएंगे।