नाबालिग का अपहरण कर दुष्कर्म करने के मामले में न्यायालय ने दो लोगों को दोषी करार दिया है। इनमें एक को दुष्कर्म के दोष में 20 साल कठोर कारावास जबकि, दूसरे को अपहरण के दोष में तीन साल की सजा सुनाई है। दोनों पर कुल 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। स्पेशल जज पॉक्सो अर्चना सागर की कोर्ट ने यह सजा सुनाई है।
शासकीय अधिवक्ता अल्पना थापा ने बताया कि इस संबंध में अक्तूबर 2019 में पटेल नगर थाने में महिला की शिकायत पर मुकदमा दर्ज किया गया था। महिला ने बताया था कि 10 अक्तूबर को उनकी नाबालिग बेटी बिना बताए घर से चली गई। 26 अक्तूबर को पुलिस ने किशोरी को प्रेमनगर से बरामद कर लिया। किशोरी ने पुलिस को बताया कि उसकी मां से अनबन रहती थी। इस बीच उसकी पहचान रंगाई-पुताई करने वाले गुड्डू उर्फ राजेश से हुई।गुड्डू उसे अपने साथ सुद्धोवाला में अपने दोस्त लाहौरी के घर ले गया। वहां पर वह 15 दिन रही।
पीड़िता ने पुलिस को बताया कि इस दौरान लाहौरी ने उसके साथ तीन बार दुष्कर्म किया। इससे पहले गुड्डू ने भी उसके साथ गलत काम किया था। शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि इस मामले में पुलिस ने नियत तिथि पर चार्जशीट दाखिल की। अभियोजन की ओर से कोर्ट में छह गवाह प्रस्तुत किए गए। इनके आधार पर लाहौरी निवासी नंदा की चौकी, गडरिया मोहल्ला को दुष्कर्म का दोषी करार दिया गया। उसे 20 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई गई। जबकि, गुड्डू पर अपहरण के दोष सिद्ध हुए। कोर्ट ने उसे तीन साल की सजा सुनाई।