Uttarakhand: खनन सामग्री नहीं मिली तो लटक जाएगा ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल का काम, परियोजना की राह में चुनौती

उत्तराखंड देहरादून

सार

निगम प्रबंधन को प्रोजेक्ट समय पर पूरा करने के लिए भारी मात्रा में लगातार अच्छी गुणवत्ता की आरबीएम की जरूरत है। इसके लिए निगम ने शासन से प्रोजेक्ट के आसपास की कुछ नदी क्षेत्रों में खनन की अनुमति मांगी है।

विस्तार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना पर्याप्त मात्रा में खनन सामग्री उपलब्ध न होने की वजह से लटक सकता है। अगले चार महीनों में परियोजना के तहत सुरंग खोदने का काम पूरा होने की संभावना है। इसके बाद के कार्य के लिए रेलवे विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) को दो करोड़ मीट्रिक टन से अधिक अच्छी गुणवत्ता वाली खनन सामग्री की आवश्यकता होगी।

चिंता की वजह है प्रदेश की नदियों में मशीनों की सहायता से खनन करने पर न्यायालय की रोक लगी होना। निगम प्रबंधन को प्रोजेक्ट समय पर पूरा करने के लिए भारी मात्रा में लगातार अच्छी गुणवत्ता की आरबीएम की जरूरत है। इसके लिए निगम ने शासन से प्रोजेक्ट के आसपास की कुछ नदी क्षेत्रों में खनन की अनुमति मांगी है।

इस मामले में आरवीएनएल के मुख्य परियोजना प्रबंधक ने सचिव परिवहन अरविंद सिंह ह्यांकी को पत्र लिखकर प्रकरण में सहयोग की अपील की है। पत्र में कहा गया है कि बड़ी मात्रा में खनन सामग्री मशीनों के बगैर जुटाना संभव नहीं हो पाएगा। ऐसे में परियोजना को समय पर पूरा करने में मुश्किल हो सकती है। साथ ही प्रोजेक्ट की लागत में भी बढ़ोतरी हो जाएगी। रास्ता निकालने के लिए संबंधित विभागों के उच्चाधिकारियों की एक बैठक कराने का अनुरोध भी किया है।

2024-25 में प्रोजेक्ट पूरा करने का लक्ष्य

आरवीएनएल के आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग परियोजना को 2024-25 तक बनाने का लक्ष्य है। लेकिन परियोजना की राह में आ रही चुनौतियों के देखते हुए इसमें देरी होने की संभावना है। परियोजना निर्माण में जरूरी आरबीएम न मिलने से यह दिक्कत और गंभीर हो सकती है।

सुरंग खोदाई का 60 फीसदी काम पूरा

करीब 125 किलोमीटर लंबी इस रेल परियोजना में 17 मुख्य टनल का निर्माण हो रहा है। सुरंग खोदाई का 60 फीसदी काम पूरा हो चुका है और अगले चार महीने में बाकी भी पूरा हो जाएगा। सुरंग की खोदाई में जो मिट्टी, पत्थर व अन्य सामग्री निकल रही है, वो उतनी अच्छी गुणवत्ता की नहीं है कि उसका इस्तेमाल परियोजना के निर्माण में हो सके।

सरकार कोर्ट में परियोजना का पक्ष रखे

आरवीएनएल के आधिकारिक सूत्रों का तर्क है कि ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल परियोजना सामरिक व राष्ट्रीय महत्व की है। न्यायालय के आदेश परियोजना पर लागू नहीं होने चाहिए। राज्य सरकार न्यायालय में परियोजना का पक्ष मजबूती के साथ रखे।

इन स्थानों पर खनन की अनुमति चाहता है आरवीएनल

श्रीकोट 470520 मीट्रिक टन, कीर्तिनगर 60000 एमटी, मांगसू (कीर्तिनगर) 90,000 एमटी, श्रीनगर 58,938 एमटी, अलकनंदा नदी जनासू 66000 एमटी, बागी नदी 1,06,000 एमटी, गुलरनाला नरेंद्र नगर 1,00000 एमटी, हैवल नदी 77,000 एमटी, रायतोली गांव (रुद्रप्रयाग) 27500 एमटी, रेवाड़ी गांव (पौड़ी) 52,000 एमटी, माणी (कीर्तिनगर) 1,20444 एमटी

 

परियोजना समय पर पूरा कराने के लिए राज्य सरकार की ओर से हरसंभव सहयोग किया जा रहा है। खनन के संबंध में न्यायालय ने दिशा-निर्देश दिए हैं। हमारी पूरी कोशिश बीच का रास्ता निकालने की है। परियोजना के संबंध में जो भी श्रेष्ठकर होगा, वो किया जाएगा। – डॉ. पंकज कुमार पांडेय, सचिव (खनन)

आरवीएनएल की ओर से ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना के संबंध में पत्र प्राप्त हुआ है। पत्र के क्रम में संबंधित विभागों के सचिवों को कार्रवाई करने का अनुरोध कर दिया गया है। – अरविंद सिंह ह्यांकी, सचिव परिवहन