मुख्यमंत्री धामी ने कहा आगे बढ़ने का साहस और दृढ़ इच्छाशक्ति हो तो अभाव और कमियां प्रगति में बाधा नहीं बन सकतीं। प्रदेशभर से आए उत्तराखंड बोर्ड के ये मेधावी बच्चे इसके उदाहरण हैं।
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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अमर उजाला की ओर से मेधावी छात्रों के सम्मान समारोह की पूर्व संध्या पर आयोजित रात्रि भोज पर कहा, साधारण परिवार के बच्चे असाधारण काम कर रहे हैं। आगे बढ़ने का साहस और दृढ़ इच्छाशक्ति हो तो अभाव और कमियां प्रगति में बाधा नहीं बन सकतीं। प्रदेशभर से आए उत्तराखंड बोर्ड के ये मेधावी बच्चे इसके उदाहरण हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा, प्रदेश की युवा पीढ़ी न केवल राष्ट्रीय स्तर पर बल्कि अंतरराष्ट्रीय फलक पर भी देश का प्रतिनिधित्व कर रही है। हमारे छात्र-छात्राओं की यह उपलब्धि सामान्य नहीं है। इसे बनाए रखना आसान भी नहीं है। छात्रों ने खुद के लिए ऐसा बेंचमार्क बनाया गया है जो कठिन जरूर है लेकिन असंंभव नहीं है। इस उपलब्धि के लिए छात्रों को बधाई देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, अपने लिए बड़ा लक्ष्य निर्धारित करो और उसको प्राप्त करने के लिए छोटे-छोटे पड़ाव बनाओ।
सीएम ने कहा, प्रदेश के बच्चे हर साल सीबीएसई, आईसीएसई और अन्य बोर्ड की ओर से आयोजित परीक्षाओं में शीर्ष स्थान प्राप्त करने वाले बच्चों की सूची में शामिल होते रहे हैं। अखिल भारतीय स्तर की आईएएस और पीसीएस आदि परीक्षाओं की चयन सूची में भी शीर्ष स्थान प्राप्त कर रहे हैं।
उन्होंने छात्रों से जीवन में सफलता के लिए विकल्प रहित संकल्प के साथ आगे बढ़ने को कहा। उन्होंने कहा, छात्रों के बेहतर भविष्य के लिए प्रदेश में देश का सक्षम नकल विरोधी कानून लागू किया गया है। इसके तहत अब तक 80 लोगों को जेल में पहुंचाया गया है। हाल ही में हुई चार-पांच परीक्षाओं में 50 लाख तक युवाओं ने प्रतिभाग किया और साधारण परिवार के युवाओं ने उसमें सफलता पाई है। अब प्रतिभाओं का सम्मान हो रहा है।
‘प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों में होंगे शत-प्रतिशत शिक्षक’
शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि प्रदेश के सभी स्कूलों में शत-प्रतिशत शिक्षकों की तैनाती की जाएगी। नियमित नियुक्ति न होने तक वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर सेवानिवृत्त या अन्य को मानदेय पर रखा जाएगा। प्रधानाचार्य इनकी नियुक्ति अपने स्तर से कर सकेंगे। सरकार कैबिनेट में प्रस्ताव लाएगी। शिक्षा मंत्री ने कहा कि एनडीए, सीडीएस की परीक्षा पास करने वाले राज्य के 146 छात्रों को एक लाख रुपये प्रोत्साहन राशि के रूप में दिए जाएंगे।
महानिदेशक शिक्षा बंशीधर तिवारी ने कहा कि परीक्षा कोई भी हो उसके परिणाम हमें बेहतर मुकाम तक ले जाते है। छात्रों की सफलता का सम्मान उन्हें जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है। इस दौरान अपर राज्य परियोजना निदेशक डॉ. मुकुल सती, शिक्षा निदेशक सीमा जौनसारी, अपर निदेशक एसबी जोशी मौजूद रहे।