World Hepatitis Day: हेपेटाइटिस ए से छोटी उम्र में मासूमों का हो रहा लिवर फेल, पढ़ें बचाव के उपाय

उत्तराखंड देहरादून

सार

World Hepatitis Day: बच्चों में हेपेटाइटिस ए और ई बहुत अधिक देखने को मिल रहा है। ऐसे में लिवर भी फेल हो जाता है और मरीज को बचा पाना बहुत मुश्किल हो जाता है। इसमें बहुत जल्दी स्थिति बिगड़ जाती है।

विस्तार

चार साल के रेहान को लंबे समय से भूख न लगना, बुखार, बेचैनी, उल्टी और पीलिया की शिकायत थी। परिजन डॉक्टर के पास लेकर गए तो जांच में हेपेटाइटिस ए की पुष्टि हुई। लंबे समय से सही इलाज नहीं मिलने से रेहान का लिवर फेल हो गया है। दिन पर दिन स्थिति बिगड़ती जा रही है। फिलहाल निजी अस्पताल में उसका इलाज जारी है। रेहान जैसे तमाम मासूम हेपेटाइटिस ए और ई के कारण कम उम्र में लिवर फेल होने का शिकार हो रहे हैं। अस्पतालों की ओपीडी में 100 में एक ऐसा बच्चा ऐसा आ रहा है।

मैक्स हॉस्पिटल के गेस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट डॉ. प्रत्यूष शरण सिंघल ने बताया कि हेपेटाइटिस वायरस ए, बी, सी, डी और ई पांच तरह का होता है। बाहर का खाना, दूषित पानी पीने और गंदे हाथों से खाना खाने की वजह से हेपेटाइटिस ए और ई होता है। हेपेटाइटिस बी, सी और डी असुरक्षित यौन संपर्क के माध्यम से, सुई, सीरिंज या अन्य दवा-इंजेक्शन उपकरण साझा करने से हो सकता है। हेपेटाइटिस ए और ई वायरस आमतौर पर एक्यूट (तीव्र) संक्रमण का कारण बनते हैं। यह बच्चों और युवाओं में अधिक देखने को मिलता है। यह बीमारी बारिश के मौसम में बढ़ जाती है।

14 दिन के अंदर लिवर ट्रांसप्लांट जरूरी

दून अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ मेजर डॉ. गौरव मुखीजा ने बताया कि बच्चों में हेपेटाइटिस ए और ई बहुत अधिक देखने को मिल रहा है। ऐसे में लिवर भी फेल हो जाता है और मरीज को बचा पाना बहुत मुश्किल हो जाता है। इसमें बहुत जल्दी स्थिति बिगड़ जाती है। लिवर ट्रांसप्लांट के लिए समय भी मिलना मुश्किल होता है। ऐसी स्थिति में 14 दिन के अंदर लिवर ट्रांसप्लांट की जरूरत होती है, लेकिन इतनी जल्दी लिवर ट्रांसप्लांट संभव नहीं हो पाता है।

दिमाग पर चढ़ जाता है पीलिया

डॉ. गौरव ने बताया कि ऐसे केस में समय पर इलाज न किया जाए तो पीलिया दिमाग पर चढ़ जाता है। ऐसे में शरीर में मौजूद खराब तत्व खून के रास्ते दिमाग में भी पहुंच जाते हैं। इससे बेहोशी आना, दौरे पड़ना, बिहेव में बदलाव आने की समस्या भी हो जाती है। लिवर, किडनी और दिल भी फेल भी होने लगता है। खून इतना पतला हो जाता है कि शरीर से अलग हिस्सों से खून बहने लगता है।

बचाव के उपाय

  • बाहर का कुछ भी खाने से बचें
  • पीने वाला पानी साफ रखें।
  • घर में फिल्टर पानी का ही सेवन करें।
  • बाहर भी जाएं तो साफ पानी ही पीये।
  • सड़क किनारे लगे स्टॉल पर खाने से बचें।