2018 में बाघों की गणना में मध्य प्रदेश पहले स्थान पर रहा, यहां बाघों की संख्या 526 रही। दूसरे स्थान पर 524 बाघों के साथ कर्नाटक रहा था जबकि उत्तराखंड में 442 बाघ रिपोर्ट हुए थे और वह तीसरे स्थान पर था।
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बाघों की संख्या को लेकर शनिवार को राज्यवार आकड़े जारी होंगे, इस पर वनाधिकारियों और वन्यजीव प्रेमियों की निगाह लगी हुई है। उम्मीद है कि इस बार उत्तराखंड में बाघों के मामले में स्थिति में और सुधार आएगा। इस बार बाघों की संख्या का आकड़ा पांच सौ से अधिक पहुंच सकता है।
पिछली बार राज्य बाघों के मामले में देश में तीसरे स्थान पर था, इस बार पायदान में एक स्थान ऊपर पहुंच सकता है। 2018 में बाघों की गणना में मध्य प्रदेश पहले स्थान पर रहा, यहां बाघों की संख्या 526 रही। दूसरे स्थान पर 524 बाघों के साथ कर्नाटक रहा था जबकि उत्तराखंड में 442 बाघ रिपोर्ट हुए थे और वह तीसरे स्थान पर था।
पिछली बार कार्बेट पार्क में 252 बाघ रिपोर्ट हुए थे जबकि पश्चिम वृत्त के अधीन आने वाले रामनगर, हल्द्वानी, तराई पश्चिमी, तराई केंद्रीय और तराई पूर्वी वन प्रभाग में 140 से अधिक बाघ मिले थे। राजाजी नेशनल पार्क से लेकर चंपावत और नैनीताल वन प्रभाग में बाघ मिले थे।