गंगोत्री हाईवे पर गंगनानी के पास हुए बस हादसे में प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि ओवर स्पीड, तीव्र मोड और संकरी सड़क भी हादसे का कारण हो सकते हैं। बस अगर 20 मीटर और लुढ़कती तो सीधे भागीरथी नदी में जा गिरती। ऐसे में मृतकों की संख्या और अधिक हो जाती। हादसे की जानकारी पर सबसे पहले चार स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे।
इन्होंने देखा बस भागीरथी से थोड़ी ही दूरी पर थी। तुरंत ही इन्होंने नीचे उतरकर घायलों की मदद करनी शुरू की, तब तक राहत एवं बचाव दल भी पहुंच गया। घटनास्थल पर पहुंचने वाले आपदा स्वयं सेवी राजेश रावत ने बताया कि अपनी दुकान से बस को खाई में गिरते हुए देखा। बस के खाई में गिरते ही वह अपने साथी सुरेश, अनूप को लेकर मौके पर पहुंचे।
उन्होंने ही हादसे की सूचना डीएम और एसपी को दी। उसके बाद उन लोगों ने खुद ही घायलों की खोज शुरू कर दी। राजेश रावत ने बताया कि प्रशासन की टीम के पहुंचने तक वह लोग कई घायलों को सड़क तक पहुंचा चुके थे। इन्हें जिला प्रशासन और पुलिस की टीम ने उपचार के लिए पीएचसी भटवाड़ी सहित जिला अस्पताल पहुंचाया।
प्रत्यक्षदर्शी राजेश रावत ने बताया कि गंगनानी में जहां पर दुर्घटना हुई है वहां तीव्र मोड़ है। हो सकता है बस चालक ने इसी में संतुलन खो दिया हो। बस करीब 70 मीटर खाई में गिरी है। अगर बस पेड़ों पर नहीं अटकती तो वह सीधा भागीरथी नदी में जा गिरती। जिस जगह पर हादसा हुआ है वहां सड़क भी काफी संकरी है।
घटना की सूचना मिलने पर जिला प्रशासन और आपदा प्रबंधन तंत्र तुरंत सक्रिय हो गया था। डीएम अभिषेक रुहेला सहित एसपी अर्पण यदुवंशी के नेतृत्व में एसडीएम सहित आपदा प्रबंधन विभाग की क्यूआरटी टीम सहित एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और गंगनानी में तैनात वन विभाग के कर्मचारियों सहित 108 और स्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर पहुंची।
घटनास्थल पर करीब साढे तीन घंटे संयुक्त रेस्क्यू चलाया गया। इसके बाद 28 लोगों की जान बचाई जा सकी। वहीं जिला अस्पताल में सीडीओ सहित सीएमएस घायलों की उपचार की व्यवस्थाएं देख रहे हैं।