चंद्रयान-3 का लैंडर मॉड्यूल (एलएम) आज बुधवार शाम चंद्रमा की सतह पर उतरेगा। ऐसा होने पर भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला दुनिया का पहला देश बन जाएगा। सिर्फ भारतवर्ष ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया इस ऐतिहासिक पल का टकटकी लगाए इंतजार कर रही है।
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चंद्रयान-3 की चंद्रमा के दक्षिण ध्रुवीय क्षेत्र में सॉफ्ट लैंडिंग के लिए परमार्थ निकेतन में विशेष गंगा आरती की गई। स्वामी चिदानंद सरस्वती, परमार्थ गुरुकुल के ऋषिकुमारों और श्रद्धालुओं ने मां गंगा का अभिषेक कर चन्द्रायन -3 की सॉफ्ट एवं सुरक्षित लैंडिंग के लिए प्रार्थना की। सभी ने यज्ञ में आहुतियां समर्पित की। वहीं दूसरी तरफ बाबा रामदेव ने अनुष्ठान शुरू कर दिया है।
परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा कि चंद्रयान-3 मिशन ने चंद्र कक्षा सम्मिलन (एलओआई) के सफलतापूर्वक पूर्णता के साथ एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। लगातार तीसरी बार इसरो ने मंगल ग्रह की कक्षा में प्रवेश करने के अलावा अपने अंतरिक्ष यान को चंद्रमा की कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित किया है, यह भारत के लिए गर्व और गौरव का विषय है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में वेदों से विमान तक और उपनिषदों से उपग्रहों तक अनेक उपलब्धियां हासिल की हैं। कल का दिन हम सभी भारतवासियों के लिए ऐतिहासिक है। स्वामी चिदानंद सरस्वती ने भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक डॉ. विक्रम साराभाई को याद करते कहा कि उनकी यह दूरदर्शिता ही थी कि आज हम अंतरिक्ष के संसाधनों में इतना समर्थ है। इस अवसर पर मिसाइल मैन एवं पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम को याद कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
वहीं चंद्रयान-3 मिशन पर उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी का कहा कि “मैं इसरो के वैज्ञानिकों को बधाई देना चाहता हूं…भारत का विज्ञान और तकनीक पूरी दुनिया को दिशा देगी। ‘चंदा मामा अब हमारे पास होंगे’…”